कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर गिरफ्तार, यूपी एसटीएफ की बड़ी कामयाबी
उत्तर प्रदेश के कानपुर के बेकनगंज इलाके में हुई हिंसा मामले में पुलिस का ताबड़तोड़ ऐक्शन जारी है। मामले में अभी तक 3 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 450 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। 40 लोगों पर नामजद केस दर्ज हुआ है। बताया गया कि मामले के आरोपियों पर गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन पर बुलडोजर भी चलेगा। यूपी एसटीएफ लगातार हाशमी की तलाश में थी।
वो हिंसा के बाद से ही लखनऊ में छिपकर बैठा था, जिसे एसटीएफ ने छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया। हयास जफर हाशमी पर कानपुर में हिंसा फैलाने का आरोप है, जिसके चलते पूरे शहर में बवाल फैल गया था। मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी पर ही इस हिंसा को भड़काने का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। 27 मई को इसने ही बाजार बंद का आह्वान किया था. 28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया। हयात जफर हाशमी का पहले भी विवादों से नाता रहा है।
गौरतलब है कि कानपुर देहात क्षेत्र में कल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री मौजूद थे। उसी समय कानपुर में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गयी। विपक्ष इस घटना को सरकारी तंत्र की विफलता बताते हुए इसे प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था का सबूत बता रहा है।
बता दे CAA-NRC कानून के वक्त भी हयात जफर ने फेसबुक पर भड़काऊ बातें शेयर करके कानपुर में दंगे भड़काने की कोशिश की थी। बताया यह भी जाता है कि इसने अपनी मां और बहन को उकसाकर कानपुर के DM कार्यालय में आत्मदाह करवाया था. इलाज के दौरान की मौत भी हो गई थी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कानपुर के बेकनगंज इलाके में दो गुटों के बीच शुक्रवार को हुयी हिंसक पथराव की घटना को पुलिस एवं खुफिया तंत्र की विफलता बताया है।
मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'मा. राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जी के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दु:खद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिन्ताजनक तथा पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक। सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहां का विकास कैसे संभव' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न हो। साथ ही, लोगों से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील की है ।'