महाराष्ट्र सरकार में बगावत: शिवसेना के 'बागी 22' सूरत में लिख रहे स्क्रिप्ट, भंवर में फंसी उद्धव सरकार?
एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक शिवसेना से अलग होते हैं तो महा विकास अघाडी सरकार संकट में पड़ जाएगी. महा विकास अघाडी सरकार के पास कुल विधायक हैं, जिसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास अघाडी के 3, सपा के 2 और अन्य के 11 विधायक हैं.
महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना से नाराज होने पर राज्य में हलचल बढ़ गई है. एकनाथ शिंदे 17 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत के एक होटल में हैं. इसके अलावा 5 और विधायक उनके संपर्क में हैं. शहरी विकास मंत्री शिंदे शिवसेना के बड़े नेता हैं. सोमवार को हुए विधान परिषद के चुनाव के बाद से वह पार्टी के संपर्क में नहीं हैं.
MLC चुनाव में शिवसेना के 11 वोट टूटे और बीजेपी के उम्मीदवार प्रसाद लाड जीत गए. इसके बाद शिंदे और उनके समर्थक नॉट रिचेबल हैं. शिंदे कथित तौर पर पार्टी और सरकार के कामकाज में उपेक्षा के बाद नाराज हैं. सीएम और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के दबदबे के चलते शहरी विकास और लोक निर्माण समेत अपने विभागों को चलाने में आजादी नहीं मिलने से भी वह खुश नहीं थे.
एकनाथ शिंदे के इस कदम से महा विकास अघाडी सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना पार्टी में विभाजन के खतरे का सामना कर रही है. शिंदे 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. माना जा रहा है कि इसमें वह अपने आगे के प्लान के बारे में बता सकते हैं.
एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक शिवसेना से अलग होते हैं तो महा विकास अघाडी सरकार संकट में पड़ जाएगी. महा विकास अघाडी सरकार के पास कुल विधायक हैं, जिसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास अघाडी के 3, सपा के 2 और अन्य के 11 विधायक हैं.
विपक्षी पार्टी बीजेपी+ के पास 113 विधायक हैं. एकनाथ शिंदे अगर बागी विधायकों के साथ बीजेपी के खेमे में जाते हैं तो उसके पास 135 विधायक हो जाएंगे. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 है. शिंदे समेत 22 विधायक अगर बीजेपी के पाले में आते हैं तो उसके बाद भी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 10 विधायकों की और जरूरत होगी.
ये भी जानकारी सामने आ रही है कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. जानकारी के मुताबिक, बालासाहेब थोरात आज इस्तीफा दे सकते हैं. उधर एनसीपी के विधायक माणिकराव कोकाटे भी नॉट रीचेबल हैं. हालांकि इनको अभी इस मामले से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता. मगर कल से ही इनका भी लोकेशन नहीं पता चल रहा.
अगर माणिकराव का भी नाम जुड़ता है तो इसे एनसीपी पर बड़ा डेंट होगा. वहीं, अकोला जिला के बालापूर मतदार संघ के शिवसेना विधायक नितिन देशमुख का भी फोन बंद है. अगर वह बागी होते हैं को तो शिवसेना के लिए बड़ा झटका होगा.