स्वतंत्र भारत के सबसे पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम शरण नेगी का निधन, दो दिन पहले ही किया था मतदान

स्वतंत्र भारत के सबसे पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम शरण नेगी का निधन, दो दिन पहले ही किया था मतदान

स्वतंत्र भारत के पहले वोटर मास्टर श्याम शरण नेगी का निधन हो गया है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा में अपने घर में उन्होंने गुरुवार देर रात को अंतिम सांस ली।  किन्नौर के डीसी आबिद हुसैन ने मास्टर नेगी के निधन की पुष्टि की है।  नेगी 106 साल के थे और देश में पहली बार हुए चुनाव में सबसे पहले उन्होंने मतदान किया था। नेगी ने बुधवार को ही कल्पा में अपने घर से पहली बार बैलेट पेपर से 14वीं विधानसभा के लिए मतदान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश के सबसे उम्रदराज मतदाता नेगी की प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने कहा कि इससे नई पीढ़ी के लोग मतदान के लिए प्रेरित होंगे। 

प्राप्त समाचारो के अनुसार मास्टर नेगी का स्वास्थ्य बीते कुछ दिन से खराब चल रहा था।  इसी के चलते मास्टर नेगी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 2 नबम्बर को बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान किया था।  प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी के कान में दर्द और आँखों की रौशनी भी कम हो चुकी थी। 

गौरतलब है कि पहले नेगी ने कहा था कि वह मतदान केंद्र में जाकर मतदान करेंगे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते घर से ही वोट डालना पड़ा। 34वीं बार मतदान करने वाले नेगी ने पहली बार बुधवार को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डाला। जुलाई 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं। नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने भी शतायु वोटर श्याम सरन नेगी को मतदान करने पर बधाई दी।

2 नंवबर को वोट डालने के बाद देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी ने कहा था कि देश को अंग्रेजों और राजाओं के राज से आजादी मिली थी।  आज लोकतंत्र के इस महापर्व में हर व्यक्ति को देश के विकास करने वाले व्यक्ति को चुनने की आजादी दी है और आज स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मैंने अपने मत का प्रयोग घर पर ही किया है।  सभी लोकतंत्र के महापर्व मे अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। 

जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि नेगी को उनके घर के प्रांगण में बने डाक बूथ तक लाने के लिए रेड कारपेट बिछाया गया था। मतदान के बाद उनके वोट को एक लिफाफे में बंद कर मतपेटी में डाल दिया गया। श्याम सरण नेगी को टोपी और मफलर भेंट कर सम्मानित किया गया। कहा कि श्याम सरण नेगी न केवल हिमाचल, बल्कि देश के आइकन हैं। हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। 106 वर्ष की आयु होने के बाद भी मतदान करने के प्रति उनका जज्बा इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में एक-एक मत की कितनी महत्ता है। 

किन्नौर के डीसी ने बताया कि श्याम सरण नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।

मुख्यमंत्री जयराम ने ट्वीट किया, ''स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी। ॐ शांति! ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें।''