दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलो के बीच एक अच्छी खबर, डेल्टा गायब, एक्सई वेरिएंट भी नहीं
पिछले वर्ष देश भर में हाहाकार मचाने वाला कोरोना का खतरनाक डेल्टा वेरिएंट अब दिल्ली से गायब हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में किसी भी मरीज में इस गंभीर वेरिएंट की पहचान नहीं हो पाई है। सभी लिए गए सैंपल में ओमिक्रॉन वेरिएंट ही पाया गया। इतना ही नहीं ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट एक्सई को लेकर भी अब तक एक भी मामला राजधानी में नहीं मिला है।
राजधानी दिल्ली समेत देशभर में इन दिनों कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। पिछले वर्ष देश भर में हाहाकार मचाने वाला कोरोना का खतरनाक डेल्टा वेरिएंट अब दिल्ली से गायब हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में किसी भी मरीज में इस गंभीर वेरिएंट की पहचान नहीं हो पाई है। सभी लिए गए सैंपल में ओमिक्रॉन वेरिएंट ही पाया गया। इतना ही नहीं ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट एक्सई को लेकर भी अब तक एक भी मामला राजधानी में नहीं मिला है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में ये फैसला लिया गया है कि, दिल्ली में सभी संक्रमितों के सैंपल की जीनोम स्विकेंसिंग की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या किसी नए वेरिएंट का संक्रमण तो दिल्ली में नहीं फैल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीडीएमए ने स्वास्थ्य विभाग को जीनोम स्विकेंसिंग के लिए 9-12 अप्रैल तक पाए गए सभी पॉजिटिव RT-PCR सैंपल भेजने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य विभाग ने बैठक में बताया कि बीते तीन माह के दौरान कोरोना संक्रमण से मरने वालों के सैंपल को जब जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजा गया तो जांच में 97 फीसदी ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाए गए। आंकड़ों की बात करें तो जनवरी से मार्च के बीच संक्रमण से मरने वाले 671 मृतकों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जिनमें 578 की जांच पूरी हो पाई। इनमें 560 में ओमिक्रॉन और बाकी 18 सैंपल में डेल्टा व दूसरे वेरिएंट की पहचान हुई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को राजधानी में 1000 का आंकड़ा भी पार हो गया। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 1009 नए मामले दर्ज किए गए और संक्रमण दर 5.7% रही. इस बीच चिंता की बात ये है कि एक मौत भी दर्ज की गई है। बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक बार फिर से सख्त पाबंदियों की वापसी होती दिख रही है. ताजा फैसले में राजधानी में मास्क पहनने को फिर से अनिवार्य कर दिया गया है। मास्क न पहनने पर 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान भी है।
दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर सरकार ने नियमों का सख्ती से पालन करने पर जोर देना शुरू कर दिया है। वहीं राजधानी के अलग-अलग व्यापारी संगठनों ने सरकार से अपील की है कि कोविड प्रतिबंध लगाने से पहले उनसे परामर्श ली जाए। बुधवार को राजधानी के विभिन्न व्यापारी संगठन और आरडब्ल्यूए ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य करने के फैसले का स्वागत किया लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंध लगाने से काफी नुकसान अब तक झेलते आए हैं। उनके मौजूदा हालात ऐसे नहीं है कि फिर से प्रतिबंध का सामना कर सकें।
नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि वह कभी नहीं चाहते थे कि ग्राहक बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के कनॉट प्लेस की दुकानों पर जाएं। सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि कनॉट प्लेस में मास्क को सख्ती से लागू कराने में सभी व्यापारी भी सहयोग देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दो गज की दूरी और मास्क को लेकर सख्ती कर सकती है लेकिन सम-विषम योजना के लिए व्यापारी तैयार नहीं हैं। लाजपत नगर संगठन के अध्यक्ष संजीव मदान ने कहा कि सरकार को मास्क पहनने के आदेश को नहीं हटाना चाहिए था। उन्होंने सुझाव दिया कि उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माने की राशि को भी 500 से बढ़ाकर एक हजार रुपये किया जाना चाहिए।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी जिलों में टीकाकरण अभियान फिर से चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सभी विभागों को निर्देश भी जारी होंगे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि दिल्ली के पास फिलहाल कोरोना टीका की कोई कमी नहीं है। करीब 17 लाख से ज्यादा खुराकें भंडारण में मौजूद हैं। एक सवाल पर विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी है कि कोविशील्ड की 7.60 लाख, कोवाक्सिन की 3.25 लाख और कोर्बेवैक्स की 6.97 लाख खुराक भंडारण में मौजूद हैं।