Aadi Mahotsav- PM Modi दिल्ली में आदि महोत्सव का आज करेंगे उद्घाटन, जनजातीय कला-संस्कृति की दिखेगी झलक
धानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे। पीएमओ ने कहा कि राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।
भारत एक ऐसा देश है जहां पर कई तरह की संस्कृतियां एक साथ आगे बढ़ती हैं. यहां पर अलग-अलग धर्म, विचार होते हुए भी हमेशा एक रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे। पीएमओ ने कहा कि राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।
इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जाएगा। जनजातीय समुदायों की ओर से उपजाए जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु होगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिए लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।
पीएमओ के मुताबिक कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगर भाग लेंगे। पीएमओ ने कहा कि चूंकि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ, महोत्सव में जनजातीय समुदाय द्वारा उगाए गए ‘श्री अन्न’ को प्रदर्शित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
'आदि महोत्सव' जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है। कार्यक्रम में 200 स्टॉल के माध्यम से देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे।