चंद्रयान के बाद आज Aditya L1 Mission! सूरज के रहस्यों को समझने 14.85 करोड़ किलोमीटर दूर से करेगा Face reading

मिशन आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा.  लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा. इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा.

चंद्रयान के बाद आज Aditya L1 Mission! सूरज के रहस्यों को समझने 14.85 करोड़ किलोमीटर दूर से करेगा Face reading

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन  (इसरो) एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है.  अब देश के साथ-साथ विश्व देश की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं. इसका काउंटडाउन भी शुरू हो गया है. 

मिशन आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा.  लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा. इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा.

सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या ISRO का Aditya-L1 मिशन सूरज पर जाएगा? जवाब है नहीं. धरती से सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है. आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर L1 यानी लैरेंज प्वाइंट वन पर जाएगा. वह सूरज से 14.85 करोड़ किलोमीटर दूर से सूर्य की स्टडी करेगा. 

आदित्य-L1 की लाइव लॉन्चिंग आप नीचे दिए गए इन लिंक्स पर देख सकते हैं. लाइव लॉन्चिंग 11:20 से शुरू होगी. 

इसरो की वेबसाइट... 
isro.gov.in

फेसबुक... 
facebook.com/ISRO

यूट्यूब... 
youtube.com/watch?v=_IcgGYZTXQw

या फिर डीडी नेशनल टीवी चैनल पर 

अब सवाल ये उठता है कि लैरेंज प्वाइंट क्या है? यह अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी जगह है जो धरती और सूरज के बीच सीधी रेखा में पड़ती है. धरती से इसकी दूरी 15 लाख किलोमीटर है. सूरज की अपनी ग्रैविटी है. यानी गुरुत्वाकर्षण शक्ति. धरती की अपनी ग्रैविटी है. अंतरिक्ष में जहां पर इन दोनों की ग्रैविटी आपस में टकराती है. या यूं कहें जहां पर धरती की ग्रैविटी का असर खत्म होता है. वहां से सूरज की ग्रैविटी का असर शुरू होता है.  

इसी बीच के प्वाइंट को लैरेंज प्वाइंट (Lagrange Point). धरती और सूरज के बीच ऐसे पांच लैंरेंज प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. भारत का सूर्ययान लैरेंज वन यानी L1 पर तैनात होगा. दोनों की ग्रैविटी की जो सीमा है वहां कोई छोटी वस्तु लंबे समय तक रह सकती है. वह दोनों की ग्रैविटी के बीच फंसी रहेगी.  

बता दे कि सूरज की सतह से थोड़ा ऊपर यानी फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है. उसके केंद्र का तापमान अधिकतम 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस रहता है. ऐसे में किसी यान या स्पेसक्राफ्ट का वहां जाना संभव नहीं है. धरती पर इंसानों द्वारा बनाई गई कोई ऐसी वस्तु नहीं है, जो सूरज की गर्मी बर्दाश्त कर सके. 

इसलिए स्पेसक्राफ्ट्स को सूरज से उचित दूरी पर रखा जाता है. या फिर उसके आसपास से गुजारा जाता है. ISRO 2 सितंबर 2023 की सुबह 11.50 बजे आदित्य-एल1 मिशन  लॉन्च करने जा रहा है. यह भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित ऑब्जरवेटरी (Space Based Observatory) है. आदित्य-एल1 सूरज से इतनी दूर तैनात होगा कि उसे गर्मी लगे तो लेकिन वह मारा न जाए. खराब न हो. उसे इसी हिसाब से बनाया गया है.