असद एनकाउंटर के बाद अब किसका नंबर? अतीक-अशरफ से पूछताछ में मिला इस शूटर का सुराग
सूत्रों का दावा है कि जल्द ही हत्याकांड का तीसरा आरोपी गुड्डू मुस्लिम पुलिस की गिरफ्त में होगा. पुलिस को अतीक और उसके भाई अशरफ से पूछताछ में कई सुराग मिले हैं. दोनों को कौशांबी और फतेहपुर भी ले जाया जा सकता है. साथ ही प्रयागराज की ही कई जगहों पर भी अतीक और अशरफ को ले जाने की तैयारी है.
प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस अब ताबड़तोड़ एक्शन के मोड में उतरी हुई है. माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद और गुर्गे गुलाम के एनकाउंटर के बाद अब एसटीएफ को इस गैंग के एक और फरार शूटर को लेकर अहम जानकारी हाथ लगी है.
सूत्रों का दावा है कि जल्द ही हत्याकांड का तीसरा आरोपी गुड्डू मुस्लिम पुलिस की गिरफ्त में होगा. पुलिस को अतीक और उसके भाई अशरफ से पूछताछ में कई सुराग मिले हैं. दोनों को कौशांबी और फतेहपुर भी ले जाया जा सकता है. साथ ही प्रयागराज की ही कई जगहों पर भी अतीक और अशरफ को ले जाने की तैयारी है.
अब तक की जानकारी के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम को लेकर उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम को बेहद अहम जानकारी मिल गई है. एसटीएफ की टीमें गुड्डू मुस्लिम के बेहद करीब पहुंच गई हैं. किसी भी वक्त गुड्डू मुस्लिम कानून के शिकंजे में होगा.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ उमेश पाल हत्याकांड के शूटर गुड्डू मुस्लिम को शरण देने वाले सतीश पांडे से पूछताछ कर रही है. एसटीएफ की टीमें सतीश पांडे को लेकर गुड्डू मुस्लिम के ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं.
बताया जा रहा है कि झांसी में खनन कारोबारी के कनेक्शन से सतीश पांडे ने गुड्डू मुस्लिम की मदद की थी. हालांकि, सतीश पांडे और गुड्डू मुस्लिम के बीच डायरेक्ट कनेक्शन नहीं निकला. उनकी मुलाकात खनन माफिया के जरिए मुलाकात हुई थी.
खनन माफिया के ही कहने पर सतीश पांडे ने गुड्डू मुस्लिम को अपने घर में ठहराया था. अब सतीश पांडे को कस्टडी में लेकर गुड्डू मुस्लिम के अन्य मददगार से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड के दूसरे ही दिन गुड्डू मुस्लिम झांसी पहुंचा था. परीछा पावर प्लांट की कॉलोनी में रहने वाले सतीश पांडे के घर पर आरोपी ने शरणली थी. जिस इलाके मे गुड्डू मुस्लिम रुका था, वहीं गुलाम और असद भी पहुंचे थे और एनकाउंटर में मारे गए.
दरअसल, बीती 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल शूटआउट के बाद से ही यूपी एसटीएफ की कई टीमें एक साथ पांच शूटरों की तलाश में थीं. पर इनमें सबसे अहम टारगेट पर अतीक अहमद का बेटा असद था. खुद यूपी पुलिस इस पर खामोश थी. लेकिन शूटआउट में असद की भूमिका को लेकर उसे पूरा यकीन था. शूटआउट के बाद असद शुरुआत में यूपी ही था. असद के बारे में यूपी एसटीएफ को पहली पुख्ता जानकारी तब मिली, जब मेरठ में गुड्डू मुस्लिम के वो ठिकाने तक पहुंची.
5 मार्च के सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि मेरठ में जिस जगह गुड्डू मुस्लिम छिपा था, उसके तार अतीक अहमद के साले अखलाक से जुड़ रहे थे. अब एसटीएफ अखलाक तक पहुंचती है. अखलाक के जरिए ही पहली बार असद के ठिकानों की जानकारी मिलनी शुरू होती है.
पता चला कि असद दिल्ली के संगम विहार इलाके में छिपा है. एसटीएफ की टीम संगम विहार पहुंचती है. लेकिन शायद असद को इसकी भनक लग चुकी थी. एसटीएफ के आने से पहले ही वो दिल्ली से निकल भागता है. दिल्ली से असद राजस्थान का रुख करता है.
असद तमाम सफर सड़क के रास्ते की कर रहा था. इस दौरान वो ना सिर्फ सिम कार्ड बल्कि फोन भी बदलता जा रहा था. राजस्थान के छोटे-मोटे इलाकों से होता हुआ वो आखिरकार अजमेर पहुंचता है. अजमेर में भी असद का लोकेशन पता चल जाता है.
वजह ये थी कि फरारी के दौरान जिन चंद लोगों के साथ असद संपर्क में था, उत्तर प्रदेश एसटीएफ उनके संपर्क में थी और उनमें एक अखलाक था. पर बदनसीबी से एसटीएफ की टीम जब अजमेर पहुंचती है, तो असद एक बार फिर एसटीएफ को चकमा देकर वहां से निकल भागता है.
इसके बाद कई दिनों तक असद का लोकेशन पता नहीं चलता. लेकिन एसटीएफ की कई टीमें एक साथ कई जगहों पर उसकी तलाश में भटक रही थीं. गुरुवार की सुबह अचानक एसटीएफ की एक टीम को जानकारी मिली कि असद मोटरसाइकिल पर झांसी से गुजर रहा है.
इसी के बाद झांसी में मौजूद उत्तर प्रदेश एसटीएफ की एक टीम ने उसका पीछा करना शुरू किया. झांसी से 30 किलोमीटर दूर बड़ागांव और चिरगांव के पास आखिरकार असद और एसटीएफ की टीम का आमना सामना हुआ. पर आमने सामने के इस एनकाउंटर में ही असद ढेर हो गया और उसके साथी गुलाम भी इस एनकाउंटर में मारा गया.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के मुताबिक, जिस बाइक डिस्कवर पर असद सवार था, वो चोरी की है. असद और गुलाम के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार, ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर 455 बोर, वाल्थर पी 88 पिस्टल 7.63 बोर बरामद और कुछ कैश भी बरामद हुआ.
बता दें कि प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.