CM योगी की सख्ती के बाद 20 घंटे में 85 वाहन सीज, लखनऊ आरटीओ ने पुलिस के साथ मिलकर चलाया अभियान

सीएम योगी के निर्देश के बाद डग्गामार वाहनों और अवैध बस अड्डों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है।

CM योगी की सख्ती के बाद 20 घंटे में 85 वाहन सीज, लखनऊ आरटीओ ने पुलिस के साथ मिलकर चलाया अभियान

सीएम योगी के निर्देश के बाद डग्गामार वाहनों और अवैध बस अड्डों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। आरटीओ और पुलिस की टीमों ने सिर्फ लखनऊ में ही महज 20 घंटों में 35 बसों समेत 85 वाहन सीज किए। आरटीओ अफसरों का दावा है कि फोर्स की कमी से व्यापक अभियान नहीं चला पा रहे थे। पुलिस का सहयोग मिलने पर व्यापक कार्रवाई की गई है। यह अभियान लगातार चलेगा।

आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि अहिमामऊ चौराहे पर स्थानीय पुलिस की मदद से मंगलवार रात 10:30 बजे से अभियान चलाया गया। इस दौरान 50 वाहन सीज किए गए। इनमें अधिकांश चार पहिया निजी वाहन हैं, जो सवारियां भर रहे थे। इसी तरह बुधवार सुबह से चिनहट से कमता के बीच अभियान चलाया गया। यहां दोपहर तक अनधिकृत रुप से सवारियां भर रहीं 35 बसें सीज की गईं।

एनबीटी ने लगातार उठाया मुद्दा
डग्गेमारी, अवैध बसों के संचालन और अनियमित स्कूली वाहनों के खिलाफ एनबीटी लगातार समाचार प्रकाशित कर रहा है। उन्नाव में 10 जुलाई को अवैध बस के हादसे में 18 लोगों की मौत के बाद एनबीटी ने अहिमामऊ, अवध नहरिया चौराहा, कमता, चिनहट, चौक समेत कई जगह चल रहे अवैध बस स्टैंड और डग्गामारी पर समाचार प्रकाशित किया। इसके साथ अनफिट स्कूली वाहनों और स्कूली वैन की तरह चल रहे प्राइवेट वाहनों का भी मिद्दा उठाया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर पुलिस और परिवहन विभाग के अफसरों को सख्ती के निर्देश दिए।

अफसरों और फोर्स की कमी
आरटीओ अफसरों का कहना है कि लखनऊ में प्रवर्तन टीम के अफसरों की कमी है। लखनऊ में एक ही पूर्णकालिक पीटीओ है। ट्रांसफर के बाद एआरटीओ प्रवर्तन का पद खाली है। दो अन्य पीटीओ की एटीएस में ड्यूटी है। एक और पीटीओ संभाग के दूसरे जिलों में जाना होता है। वहीं, प्रवर्तन टीम में एक सिपाही और होमगार्ड हैं। ऐसे में अफसरों और फोर्स के अभाव में बड़े वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। सीएम के निर्देश के बाद ट्रैफिक पुलिस भी हरकत में आई है। इस कारण बड़ी कार्रवाई हो पाई है।

अटका है नियुक्ति का प्रस्ताव
डग्गेमारी और वाहनों के अवैध संचालन से सरकारी राजस्व को घाटे के साथ सड़क सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं। ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए एआरटीओ रोड सेफ्टी और सहायक मोटर वीइकल इंस्पेक्टर की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया जा चुका है, लेकिन शासन स्तर पर यह मामला अटका है।