'तू-तड़ाक' पर अखिलेश यादव का CM योगी को जवाब- अगर कोई किसी के पिता के बारे में बोलेगा तो...
पिछले दिनों राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश के बीच तू-तड़ाक की नौबत आ गई थी. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आप परम्पराओं पर चलना चाहते हैं तो आपको परम्परा मानना होगा, आपने कई रीति-रीवाज का पालन नहीं किया है... नेता सदन ने कुछ बोला था जो कि फ्लोर पर नहीं आना चाहिए...किसी के पिता के बारे में कोई कहेगा तो दूसरा भी बोलेगा, अगर आप परंपरा की बात करेंगे तो आपने भी कई रीति-रिवाज को नहीं माना, जिसके बारे में हम चर्चा नहीं करना चाहते हैं क्योंकि नेताजी ने हमें ऐसी शिक्षा नहीं दी है.'
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नेता सदन ने किसी के पिता के बारे में अगर सदन में कहा तो स्वाभाविक है कि दूसरा भी पिता पर कहेगा, यह परंपरा छोड़नी होगी, ऐसी शिक्षा नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने मुझे नहीं दी है. गौरतलब है कि पिछले दिनों राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश के बीच तू-तड़ाक की नौबत आ गई थी.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आप परम्पराओं पर चलना चाहते हैं तो आपको परम्परा मानना होगा, आपने कई रीति-रीवाज का पालन नहीं किया है... नेता सदन ने कुछ बोला था जो कि फ्लोर पर नहीं आना चाहिए...किसी के पिता के बारे में कोई कहेगा तो दूसरा भी बोलेगा, अगर आप परंपरा की बात करेंगे तो आपने भी कई रीति-रिवाज को नहीं माना, जिसके बारे में हम चर्चा नहीं करना चाहते हैं क्योंकि नेताजी ने हमें ऐसी शिक्षा नहीं दी है.'
बता दे बीती 25 फरवरी को यूपी विधानसभा के अंदर कुछ ज्यादा ही गर्मी बढ़ गई थी. दरअसल ये गर्मी सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग की हुई. विधानसभा के अंदर सीएम योगी आदित्यनाथ राज्य के सुरक्षा को लेकर बोल रहे थे कि मुझे आश्वचर्य होता है कि राज्य के अंदर लोग सुरक्षा व्यवस्था की बात करते हैं. इतने में सामने से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आपको शर्म आनी चाहिये. जिसके बात सीएम योगी आदित्यनाथ ने पटलवार कर दिया. इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश यादव को कहा कि शर्म तो तुम्हें आई चाहिये कि अपने पिता का सम्मान नहीं कर पाये. उन्होंने पूछा कि मुझे किस बात की शर्म करनी चाहिये. इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव को लेकर कहा कि ये किस प्रकार का आचरण है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था बल्कि यह पूछा था कि शुद्र क्या है, जब कोई घर से गया तो क्या गंगाजल से घर धोया जाता है... ये क्या दिखाता है... क्या नेता सदन ये बताएंगे कि शुद्र गलत है, कोई जान से पैदा गलत नहीं हो सकता, हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं है, ये किसने कहा, भगवान सबके हैं, केवल आप चंदा लेते हैं तो क्या आपके ही भगवान हैं? इसलिए हम जातिगत जनगणना चाहते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक पर निशाना साधते हुए कहा, 'क्यों स्वास्थ्य मंत्री हर जगह छापा मारते फिरते हैं, अब सरकार ने बजट खर्च नहीं किया, ऐसा छापा वित्त मंत्री के यहां मारो. अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है.. अधिकारी नहीं है बचत जब खर्च नहीं होगा स्वास्थ्य सेवा बेहतर कैसे होगी, पीपीपी मोड पर अस्पताल बनाने जा रहे हैं, क्या गरीब को इलाज प्राइवेट अस्पताल में मिलेगा?'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आरोप पर अखिलेश ने कहा, 'नेता सदन ने कहा 46 में से 56 यादव एसडीएम की भर्ती हुए, मैं जातियों के नाम पढ़ सकता हूं जिनकी भर्ती हुई थी, उस समय 2011 में 30 भर्ती हुई जिसमें यादव सिर्फ 5 थे, 2012 में 3 यादव थे, अब नेता सदन इस सूची को जारी करें, इसी समानता के लिए हम जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं, यही रामराज्य है और यही समाजवाद है.'
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'ये कहते हैं कि लोग लैपटॉप में घोटाला हुआ, एक्सप्रेस वे में घोटाला हुआ, अगर ऐसा था तो सपा का डिजाइन किया हुआ एक्सप्रेस पर हरकुलिस क्यों उतारा? ये सरकार बताएं. कई देशों में मंत्री घूमने गए क्या उन्हें वहां पर सड़कों पर आवारा पशु घूमते दिखाई दिए, 11 लाख से ज्यादा छुट्टा जानवर है और 750 करोड़ बजट रखा है, जो लोग जानवर से एक्सीडेंट और खेत में रखवाली में जान गंवाई उनकी मदद करेगी सरकार?'