उत्तर प्रदेश में सभी कोविड हॉस्पीटल बनेंगे डेडीकेटड डेंगू अस्पताल, नोडल अफसर भी होंगे तैनात
स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोमवार को इसका आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया कि ऐसे अस्पतालों को डेंगू चिकित्सालय नामित करते हुए उन वार्डों और बैड का प्रयोग डेंगू रोगियों के लिए किया जाए.
उत्तर प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया हैं. सीएम द्वारा हाई लेवल कमेटी में निर्देश देने के बाद सोमवार को डिप्टी सीएम ने राज्य के सभी कोविड हॉस्पिटल को डेंगू डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के अफसरों को निर्देश दे दिए हैं. यानी कोरोना काल में जिन अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था, वे अब डेंगू के लिए डेडीकेटेड अस्पताल होंगे। हर अस्पताल के लिए डॉक्टर और स्टाफ की व्यवस्था के साथ एक नोडल अफसर भी तैनात किया जाएगा.
ये आदेश सभी 75 जिलों में लागू होगा. स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोमवार को इसका आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया कि ऐसे अस्पतालों को डेंगू चिकित्सालय नामित करते हुए उन वार्डों और बैड का प्रयोग डेंगू रोगियों के लिए किया जाए. वहां पर्याप्त मात्रा में दवाएं, ORS और आईवी फ्लूड उपलब्धत कराने को कहा गया.
इन अस्पतालों को जिला स्तरीय ब्लड बैंक और जांच लैब से जोड़ा जाएगा ताकि भर्ती मरीजों की डेंगू की जांच आसानी से हो सके. जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. इन अस्पतालों में फिजीशियन व बाल रोग चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी.डेंगू की रोकथाम के लिए तय रोस्टर के अनुसार तीन सत्रों में स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए. डेंगू मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए 108 एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा.