अजब गजब प्रेम कहानी: 10 बच्चों की मां का कुंवारे पर आया दिल, पंचायत ने धूमधाम से कराई शादी

सोनी 10 बच्चों की मां है, लेकिन पति की मौत के बाद सोनी का पड़ोस के कइल गांव के रहने वाले बालेंद्र उर्फ बलई यादव से प्रेम संबंध हो गया. अपने प्रेम की खातिर बालेंद्र ने अभी तक शादी भी नहीं की थी और कुंवारा था.

अजब गजब प्रेम कहानी: 10 बच्चों की मां का कुंवारे पर आया दिल, पंचायत ने धूमधाम से कराई शादी

गोरखपुर में पंचायत द्वारा महिला और उसके प्रेमी की शादी कराए जाने का दिलचस्प मामला सामने आया है. दरअसल, महिला के पति की मौत हो चुकी है. हैरानी की बात यह है कि पहले पति से महिला के 10 बच्चे भी हैं. 

वहीं पति की मौत के बाद महिला प्रेमी के साथ गांव छोड़कर चली गई थी. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध चल रहा था और पिछले एक साल से दोनों घर छोड़कर गायब थे.

मामला जिले के बड़हलगंज के चिल्लूपार इलाके का है, जहां की रहने वाली सोनी देवी के पति की 6 साल पहले मौत हो गई थी. हालांकि सोनी 10 बच्चों की मां है, लेकिन पति की मौत के बाद सोनी का पड़ोस के कइल गांव के रहने वाले बालेंद्र उर्फ बलई यादव से प्रेम संबंध हो गया. 

अपने प्रेम की खातिर बालेंद्र ने अभी तक शादी भी नहीं की थी और कुंवारा था. वहीं जब इस बात की जानकारी सोनी के बच्चों और ग्रामीणों को पता चली तो एक साल पहले दोनों घर छोड़कर फरार हो गए. हालांकि महिला एक साल के बाद अपने बच्चों से मिलने गांव पहुंची. 

इस बात की जानकारी पर गांव में पंचायत बुलाई गई. जिस पर महिला और उसके प्रेमी दोनों ने साथ रहने की बात कही. जिस पर आपसी सहमति पर पंचायत ने दोनों की गांव स्थित मंदिर में शादी करा दी.

शिव मंदिर में बालेंद्र उर्फ बलई भगवान को साक्षी मानकर सोनी की मांग में सिंदूर भरा. इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। शादी कराने के बाद दुल्हन सोनी को बालेंद्र उर्फ बलई के साथ ग्रामीणों ने विदा करा दिया. 

गांव के गुरूकुल पीजी कॉलेज के प्रबंधक जयप्रकाश शाही और प्रधान प्रतिननिधि सतीश शाही ने बताया, दोनों के बीच 5 साल से प्रेम संबंध चल रहा था. दोनों एक साल से गांव छोड़कर चले गए थे. 

दोनों की वापसी पर पंचायत में दोनों ने शादी करने का फैसला लिया था. जिस पर मंदिर में ग्रामीणों की मौजूदगी में शादी करवा दी गई. इस रिश्ते से दोनों खुश हैं. वहीं, महिला के बच्चों को भी इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है. उन्हें इसकी पहले से जानकारी थी.

जयप्रकाश शाही ने विवाहित जोड़े को मौके पर ही कॉलेज में नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र भी दे दिया. साथ ही गुरुकुल संस्थान समूह के आवासीय परिसर में दोनों को आवास देने की घोषणा भी कर दी. उनका कहना है कि महिला बेघर थी. उसे घर मिल गया. साथ ही 10 अनाथ बच्चों को पिता का साया मिल गया. अब महिला को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं भी दिलाई जाएंगी।