गजब की टप्पेबाजी- ई रिक्शा से आया और लाखों लेकर हवाई जहाज से उड़ा, पैंतरा जान हर कोई हो गया हैरान
पुलिस ने बैंक जहां टप्पेबाजी हुई थी,वहां से लेकर सीसीटीवी खंगालना शुरू किया तो लखनऊ के एयरपोर्ट पर जाकर उसकी अंतिम लोकेशन मिली. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से समय का मिलान कर उस समय जाने वाली फ्लाइट को खंगाला तो पुलिस को बड़ा क्लू हाथ लग गया. पुलिस ने पीछा करते हुए इसके मुंबई वाले घर को खंगाला तो यह वहां से भी फरार हो गया. अंत में इसके मूलनिवास भोपाल से लेकर मुम्बई और दिल्ली के ठिकानों पर इसे तलाशा तो यह पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की पुलिस ने एक ऐसे टप्पेबाज को पकड़ा है, जो आया तो ई रिक्शा से था लेकिन टप्पेबाजी कर पांच लाख उड़ाए जाने के बाद हवाई जहाज़ से मुम्बई उड़ गया. भोपाल का रहने वाले इस टप्पेबाज का कोई खास आपराधिक इतिहास न होने के चलते पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती बन गया था. लेकिन हवाई जहाज़ से यात्रा करना ही इसके लिए काल बन गया. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने टप्पेबाजी के धंधे में उतरने को लेकर दिलचस्प कहानी बताई.
पुलिस ने बैंक जहां टप्पेबाजी हुई थी,वहां से लेकर सीसीटीवी खंगालना शुरू किया तो लखनऊ के एयरपोर्ट पर जाकर उसकी अंतिम लोकेशन मिली. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से समय का मिलान कर उस समय जाने वाली फ्लाइट को खंगाला तो पुलिस को बड़ा क्लू हाथ लग गया. पुलिस ने पीछा करते हुए इसके मुंबई वाले घर को खंगाला तो यह वहां से भी फरार हो गया. अंत में इसके मूलनिवास भोपाल से लेकर मुम्बई और दिल्ली के ठिकानों पर इसे तलाशा तो यह पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
पुलिस की पूछताछ में इसने जो कहानी बताई वह भी कम दिलचस्प नहीं है. लगभग सत्तर वर्षीय टप्पेबाज ब्रज कुमार बाघवानी ने बताया कि भोपाल में उसका जीन्स का बड़ा कारोबार था. कोरोना आने के बाद से उसका कारोबार डूबता गया. अंत में उसके ऊपर कर्जा बढ़ने लगा तो बैंक का दबाव आने लगा. उसने बताया कि मजबूरन उसने टप्पेबाजी का धंधा शुरू किया और भोपाल से लेकर मुम्बई और दिल्ली तक उसने कई शिकार किये लेकिन कभी पकड़ा नहीं गया.
टप्पेबाज के मुताबिक वह हमेशा नए शहर में ही टप्पेबाजी करता था, जिससे पहचाना न जाये. इसी तलाश में यह साथ जनवरी को लखनऊ पहुंचा और चारबाग के रिटायरिंग रूम में स्टे करने लगा. पूरे दिन लखनऊ में शिकार तलाशता रहा लेकिन इसकी बात नहीं बनी तो यह रायबरेली आ गया और यहां भी रिटायरिंग रूम में स्टे किया. यहां से इसने सुपरमार्केट स्थित एसबीआई की मेन ब्रांच को टारगेट किया और आठ जनवरी को उसने बैंक में एफडी रिन्यू कराने आये रिटायर्ड सेल्स टैक्स कमिश्नर को निशाना बनाया.
उसने राजेन्द्र कुमार का विश्वास जीतने के लिये खुद को बैंक इम्प्लाई बताते हुए खूब मदद की. अगले दिन टप्पेबाज ने राजेन्द्र कुमार के आते ही उसने अपने चंगुल में लिया और खुद ही दौड़ दौड़ कर उनका काम कराने लगा. एक तो बुज़ुर्ग और उस पर करीने का पहनावा देख कर राजेन्द्र कुमार को भी शक नहीं हुआ. टप्पेबाज उस वक्त अपने मकसद में कामयाब हो गया. जब एफडी का पांच लाख कैश निकाल कर राजेन्द्र कुमार दोबारा एफडी कराने के लिए लाइन में लगे.
इसी बीच टप्पेबाज एक नॉमिनी फॉर्म लाया और उनसे भरने के लिए कहा. राजेन्द्र कुमार झुक कर फॉर्म भरने लगे. फॉर्म भरने के बाद जब उन्होंने गर्दन उठा कर देखा तो टप्पेबाज पांच लाख कैश समेत वहां से फरार हो चुका था. पुलिस ने लूट के बाद हवाई जहाज़ से अपने गंतव्य को वापस लौटने वाले टप्पेबाज को गिरफ्तार कर उसके कब्ज़े से डेढ़ लाख कैश समेत बैंक के कुछ फ़र्ज़ी डॉक्यूमेंट भी बरामद किए हैं.