वरुण गाँधी को पार्टी छोड़ने के अटकलों के बीच BJP ने दिया मंत्री बनने का ऑफर, कहा- इस वजह से किया इनकार
बीजेपी सांसद ने अपने दावे में कहा है, "मैंने दो बार मंत्री पद ठुकराया है. जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. यदि आप किसी को सम्मानपूर्वक बातें कहते हैं. यदि उनका सम्मान बनाए रखा जाता है और यदि आपके बयानों में तर्क है तो लोग बड़े दिल वाले होते हैं."
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी बीते कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. पहले उनके बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने की अटकलें चली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान ने इन अटकलों को और हवा दी. इसी बीच उनके समाजवादी पार्टी में भी जाने की चर्चा थी. लेकिन अब वरुण गांधी ने एक बड़ा दावा कर दिया है.
बीजेपी सांसद ने अपने दावे में कहा है, "मैंने दो बार मंत्री पद ठुकराया है. जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. यदि आप किसी को सम्मानपूर्वक बातें कहते हैं. यदि उनका सम्मान बनाए रखा जाता है और यदि आपके बयानों में तर्क है तो लोग बड़े दिल वाले होते हैं." हालांकि वरुण गांधी लंबे वक्त से बीजेपी सरकार पर लगातार जुबानी हमले करते रहे हैं. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की है. लेकिन अब इस बयान से फिर एक नई चर्चा को उन्होंने हवा दे दी है.
शिक्षा पर बोलते हुए पीलीभीत के सांसद ने कहा, "अगर वे शिक्षा मंत्री होते तो वे चार काम करते. सबसे पहले वे पाठ्यक्रम में बदलवा करते और शिक्षकों की संख्या बढ़ाते. इसके बाद वे लोगों को कुशल बनाने पर पैसा खर्च करते, क्योंकि दक्षिण कोरिया में 94 फीसदी लोग कार्यकुशल हैं, जबकि इसके विपरीत भारत में सिर्फ चार फीसदी लोग कार्यकुशल हैं."
जबकि सरकारी नौकरियों पर वरुण गांधी ने कहा, "सभी युवाओं को पता होना चाहिए कि पिछले पांच सालों में जितनी भी सरकारी नौकरियां आई थीं. उनमें से 79 फीसदी संविदा नौकरियां हैं. ये वास्तविक नौकरियां नहीं हैं. उनके पास पेंशन नहीं है साथ ही कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ भी नहीं है. इसलिए मैं जो बिल पेश कर रहा हूं रिक्तियों की पहचान करता है. जिसमें आपकी परीक्षा होती है और 45 से 60 दिनों में आप उन लोगों को नौकरी देते हैं. मैंने इसे सामने रखा है और मैंने इसपर कुछ मंत्रियों से बात की है. उन्होंने नई नौकरियां लाने का वादा किया है."