अमित शाह ने बिना नाम लिए लालू यादव पर लगाए गोधरा कांड को साज़िश नहीं दुर्घटना बताने पर गंभीर आरोप
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाए। उन्होंने संसद में कहा कि लालू प्रसाद यादव ने 2002 के गोधरा ट्रेन हादसे को एक दुर्घटना बताने की कोशिश की थी। अमित शाह ने कहा कि इसकी एक साजिश के रूप में जांच के लिए एक नई समिति गठित की जाए। उनके इस बयान के बाद सदन में हंगामा हुआ.
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाए। उन्होंने संसद में कहा कि लालू प्रसाद यादव ने 2002 के गोधरा ट्रेन हादसे को एक दुर्घटना बताने की कोशिश की थी। अमित शाह ने कहा कि इसकी एक साजिश के रूप में जांच के लिए एक नई समिति गठित की जाए।
दरअसल, आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक पर सदन में बुधवार को बहस हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे भाजपा सांसद बृजलाल ने दौरान गोधरा मुद्दे का उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने इस घटना की जांच के लिए सितंबर 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा यूसी बनर्जी आयोग के गठन पर सवाल उठाया। गोधरा की घटना का जिक्र करते हुए बृजलाल ने कहा कि साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में 27 फरवरी 2002 को आग लगा दी गई थी। इस घटना में 59 लोग मारे गए थे।
उन्होंने कहा राजद के तत्कालीन रेल मंत्री ने यूसी बनर्जी आयोग का गठन किया था जिसने 17 जनवरी, 2005 को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि आग दुर्घटनावश लगी थी और कोच में कोई आग नहीं लगाई गई थी। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था कि कोच में साधु थे जो नशे वाली चीजों का धूम्रपान कर रहे थे और उसी से गलती से आग लग गई। भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि निचली अदालत ने मामले में 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी और कुछ विपक्षी दलों पर आतंकवादियों के साथ सहानुभूति रखने का आरोप लगाया था।
उनके इस बयान के बाद सदन में हंगामा हुआ. राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि ऐसी कोई भी घटना, चाहे वह कश्मीर में हुई हो या गोधरा में या दिल्ली में, ‘हम सभी सामूहिक रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं. आप इसके लिए किसी और को दोषी नहीं ठहरा सकते.’
इस पर सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह ने उठकर कहा, शायद झा ने लाल का भाषण नहीं सुना है, जिन्होंने कुछ भी अतार्किक नहीं बोला है. शाह ने कहा, ‘उस समय के रेल मंत्री ने उस घटना को अलग कोण देने की कोशिश की थी जिसमें लोगों को जिंदा जला दिया गया था.’ लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना शाह ने कहा कि उन्होंने इस तथ्य को जानने के बावजूद कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक पूर्व न्यायाधीश द्वारा जांच चल रही थी, उन्होंने रेलवे अधिनियम का उपयोग कर एक नई समिति नियुक्त की. शाह ने कहा, ‘समिति ने बताया था कि यह एक दुर्घटना थी और कोई साजिश नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.’
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इसलिए उन्होंने कहा कि इसे एक अलग दिशा देने का प्रयास किया गया था. इस कमेटी से कुछ भी निकलकर सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा, ‘अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. यह उन सात आरोपियों को बचाने की कोशिश थी जिन्होंने लोगों की हत्या की थी. बृजलाल हमें यही बताना चाहते थे.’ इसके तुरंत बाद, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, जो सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे, उन्होंने शाह को आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक पर बहस का जवाब देने के लिए बुलाया.