एक और गोल्ड मैडल, CWG का नया रिकॉर्ड बना कर, 20 साल के अचिंता शेउली ने भारत को दिलाया तीसरा स्वर्ण

वेटलिफ्टर अचिंता के स्वर्ण के साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या छह हो गई है। इससे पहले वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने गोल्ड मेडल जीता था। शनिवार को भारत ने चार पदक वेटलिफ्टिंग में ही जीते थे। मीराबाई ने स्वर्ण, बिंदियारानी और संकेत ने रजत और गुरुराजा ने कांस्य पदक अपने नाम किया था।

एक और गोल्ड मैडल, CWG का नया रिकॉर्ड बना कर, 20 साल के अचिंता शेउली ने भारत को दिलाया तीसरा स्वर्ण

अचिंता शेउली ने राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में भारत का स्वर्णिम अभियान जारी रखते हुए पुरूषों के 73 किलो वर्ग में नये रिकॉर्ड के साथ बाजी मारकर देश को तीसरा पीला तमगा दिलाया। इससे पहले तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू और जेरेमी लालरिननुंगा ने भारत को भारोत्तोलन में स्वर्ण दिलाये थे। 

भारतीय वेटलिफ्टर अचिंता शेउली ने कमाल कर दिया है। उन्होंने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए तीसरा स्वर्ण पदक जीता है। भारत ने तीनों स्वर्ण समेत सभी पदक वेटलिफ्टिंग में ही जीते हैं। 20 साल के अचिंता ने 73 किलोग्राम भारवर्ग में स्नैच राउंड में 143 किलो और क्लीन एंड जर्क राउंड में 170 किलो समेत कुल 313 किलो वजन उठाया। यह भारत के लिए तीसरे दिन (रविवार) का दूसरा पदक रहा।

अचिंता शेउली ने स्नैच राउंड टॉप पर रहते हुए खत्म किया। उन्होंने पहले प्रयास में 137 किलो, दूसरे प्रयास में 140 किलो और तीसरे प्रयास में 143 किलो का वजन उठाया। स्नैच राउंड में 143 किलो का वजन उनका पर्सनल बेस्ट भी है।  स्नैच राउंड में दूसरे स्थान पर मलेशिया के हिदायत मोहम्मद रहे। अचिंता शेउली ने हिदायत पर स्नैच राउंड के बाद पांच किलो की बढ़त बना रखी थी। 

शेउली ने जीत के बाद कहा, ‘‘मैं इस जीत से बहुत खुश हूं। मैंने इस पदक के लिए कड़ी मेहनत की थी। मेरे भाई, मां, मेरे कोच और सेना के बलिदान से मुझे यह पदक मिला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरी जिंदगी में पहली बड़ी प्रतियोगिता थी और मैं इस मुकाम पर पहुंचने के लिये इन सभी का आभार व्यक्त करता हूं। यह पदक मुझे जिंदगी के हर पहलू में मदद करेगा। अब यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।’’ 

शेउली से पूछा गया कि वह इस पदक को किसे समर्पित करना चाहेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे अपने स्वर्गीय पिता, अपनी मां और मेरे कोच विजय शर्मा को समर्पित करना चाहूंगा। मेरे कोच ने मुझे हमेशा अपने बच्चे की तरह समझा और जब भी मैं कोई गलती करता था तो वह मुझे थप्पड़ मारते थे। ’’

शेउली से पूछा गया कि क्लीन एवं जर्क में आखिरी प्रयास से पहले कोच शर्मा ने उनसे क्या कहा, उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कहा मेरा स्वर्ण पदक पक्का है बस मुझे शांत चित्त बने रहना है। मैं थोड़ा नर्वस था लेकिन उसका प्रदर्शन मुझ से कमतर था और मैं यह भार उठाने में सफल रहा।’’ 

अचिंता ने स्नैच राउंड में दो बार कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाया। स्नैच राउंड में 140 किलो वजन उठाने के साथ ही अचिंता ने कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। इससे पहले किसी ने इस राउंड में इतना भार नहीं उठाया था। वहीं, तीसरे प्रयास में 143 किलो उठाने के साथ ही अचिंता ने अपने प्रदर्शन और रिकॉर्ड को ही और सुधारा। 

इसके बाद क्लीन एंड जर्क राउंड में अचिंता ने पहले प्रयास में 166 किलो का वजन उठाया, जो कि कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड भी है। इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 170 किलो उठाने का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। तीसरे प्रयास में फिर उन्होंने 170 किलो वजन उठाया और अपने ही रिकॉर्ड में सुधार किया। 

20 साल के अचिंता ने इससे पहले 2021 ताशकंद जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 73 किलो भारवर्ग में रजत पदक जीता था। वहीं, उन्होंने 2019 कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप और 2021 ताशकंद कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 73 किलो भारवर्ग में ही स्वर्ण जीता था।  

 राष्ट्रमंडल खेलों के पिछले संस्करण में भारतीय वेटलिफ्टर्स ने पांच स्वर्ण सहित कुल नौ पदक जीते थे। तब टीम इंडिया वेटलिफ्टिंग की बेस्ट टीम रही थी। वहीं, इस बार बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में वेटलिफ्टिंग में अब तक भारत को तीन स्वर्ण समेत छह पदक मिल गए हैं। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग में भारत पदक के मामले में टॉप पर है। दूसरे नंबर पर तीन पदक के साथ मलेशिया है। अब यह देखना है कि भारत 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के रिकॉर्ड को तोड़ पाता है या नहीं।