पहली बार दिल्ली से बाहर मनाया जा रहा है सेना दिवस, बेंगलुरु में सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कही यह बात
भारत में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार देशवासी 75वां भारतीय सेना दिवस मनाएंगे। भारत के सबसे पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा के सम्मान में इसे मनाया जाता है। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमावर्ती इलाकों में स्थिति सामान्य रही है।
भारतीय सेना का 75वां स्थापना दिवस पहली बार राजधानी दिल्ली से बाहर बेंगलुरु में मनाया जा रहा है। रविवार को बेंगलुरु के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप सेंटर में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की मौजूदगी में विशेष परेड का आयोजन किया गया है। इस मौके पर जनरल मनोज पांडे बेंगलुरु के गोविंदस्वामी परेड ग्राउंड में कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने अपना संबोधन भी दिया। सेना प्रमुख ने कहा कि पहली बार आर्मी डे परेड और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाहर आयोजित किए जा रहे हैं। इसने सेना को लोगों से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर दिया है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे।
बता दे भारत में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार देशवासी 75वां भारतीय सेना दिवस मनाएंगे। भारत के सबसे पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा के सम्मान में इसे मनाया जाता है। 15 जनवरी के दिन ही केएम करिअप्पा ने सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्हें अंतिम ब्रिटिश सेना प्रमुख जनरल फ्रांसिस बुचर से साल 1949 में कमान मिली थी।
आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख के एम करिअप्पा को प्यार से 'कीपर' कहा जाता था। उनका जन्म 28 जनवरी 1900 में कर्नाटक में हुआ था. करियप्पा ने भारत पाकिस्तान युद्ध 1947 का नेतृत्व किया था। रिटायरमेंट के बाद में उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल का रैंक प्रदान किया गया। इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान भी मिला था।
इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमावर्ती इलाकों में स्थिति सामान्य रही है। LAC पर मजबूत डिफेंस बरकरार रखते हुए हम किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए तैयार हैं जवानों को सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही है।
सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल सेना ने सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया और सीमाओं की सक्रिय और मजबूती से सुरक्षा सुनिश्चित की। सेना ने क्षमता विकास, बल पुनर्गठन और प्रशिक्षण में सुधार के लिए कदम उठाए। इसने भविष्य के युद्धों के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूत किया।
हमारी सेना हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। सरहद पर आतंकी साजिश अभी भी जारी है लेकिन हमारे जवान चप्पे चप्पे पर निगरानी कर रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वोत्तर की सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।