अशोक गहलोत का जादू उतर गया, कांग्रेस अध्यक्षी आते-आते गई, अब क्या मुख्यमंत्री भी रहेंगे या जाएंगे?
अशोक गहलोत पर गांधी परिवार का भरोसा इस कदर कमजोर हुआ है कि जो रविवार को शाम तक अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे थे, वह अब उससे आउट हो गए हैं। यही नहीं अब तो सीएम पद को लेकर भी संशय की स्थिति पैदा हो गई है।
अशोक गहलोत पर गांधी परिवार का भरोसा इस कदर कमजोर हुआ है कि जो रविवार को शाम तक अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे थे, वह अब उससे आउट हो गए हैं। यही नहीं अब तो सीएम पद को लेकर भी संशय की स्थिति पैदा हो गई है। सोनिया गांधी के करीबियों में रहे अशोक गहलोत को बुधवार से ही मिलने के लिए लाइन में लगना पड़ा और बमुश्किल टाइम मिला। यही नहीं बाहर निकले तो चेहरा उतरा हुआ था और अंदाज माफी वाला था।
मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने इसकी पुष्टि भी कर दी। उन्होंने विधायकों की बगावत को लेकर सरेंडर वाला रवैया दिखाते हुए कहा कि मैं इससे इतना आहत हूं कि बता नहीं सकता। इस घटना का दुख मुझे ताउम्र रहेगा। अशोक गहलोत ने बताया कि मैंने सोनिया गांधी से इसके लिए माफी मांगी है। मैं दुखी हूं कि एक लाइन में प्रस्ताव पारित करने की दशकों से चली आ रही परंपरा पहली बार टूट गई। इसके साथ ही अशोक गहलोत ने कह दिया कि मैं अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार था, लेकिन जो घटना पिछले दिनों हुई है। उसके बाद अब मैं साफ कर देना चाहता हूं कि अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ूंगा।
उन्होंने कहा कि देश भर में ऐसा संदेश गया कि जैसे अशोक गहलोत को सीएम की कुर्सी का मोह है। यह सब गलत है और मैं कांग्रेस का अनुशासित सिपाही हूं। इस दौरान अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के साथ काम करने का अनुभव और भरोसे का जिक्र भी किया। हालांकि देखना होगा कि तीन पीढ़ियों से कायम भरोसा अब लौट पाता है या फिर अशोक गहलोत कभी न भरपाई होने वाले नुकसान की ओर बढ़ चले हैं।
इधर अशोक गहलोत के बेहद करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियास ने कहा कि विधायक दल के नेता ने सोनिया गांधी से माफी मांग ली है। गहलोत के माफी मांगने का मतलब है। हम सब ने भी माफी मांग ली है। उल्लेखनीय है कि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के अब तक तेवर बहुत तल्ख रहे है। रविवार को खाचरियावास ने दो टूक कहा कि सचिन पायलट को सीएम स्वीकार नहीं करेंगे। मंत्री धारीवाल, खाचरियावास और महेश जोशी के विरोध के चलते कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई थी। जिसके बाद विधायक दल की बैठक को रद्द कर दिया गया।
प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए सोनिया गांधी जो फैसला करेंगी हमें मंजूर है। अब उन्होंने सब कुछ राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ दिया है। हमारी नेता सोनिया गांधी हैं। अशोक गहलोत की भी नेता सोनिया गांधी हैं। जब उन्होंने अपने नेता पर सब कुछ छोड़ दिया है, उसके बाद कुछ बाकी नहीं रहता है। लेकिन जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आएंगे और उनसे सभी विधायक मिलेंगे तो सारी स्थिति का पता लगेगा।