शुभ घड़ी आई काशी जगमगाई- देव दीपावली पर काशी में दिखा भव्य नजारा
देव दीपावली के मौके पर काशी के गंगा घाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है और सभी 84 घाटों को झालर और दीपकों से प्रज्वलित कर दिया गया है।
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आज सोमवार की शाम को पंचगंगा घाट पर जैसे ही हजारा दीप प्रज्ज्वलित हुआ, गंगा के किनारे साढ़े सात किलोमीटर का तट भी एक-एक करके जगमग हो उठा। अर्द्धचंद्राकार घाटों पर चंद्रहार की तरह दीपक झिलमिलाने लगे। पर्यटकों ने इस अलौकिक नजारे को देखा तो बस देखते ही रह गए।
गंगा की लहरों पर सतरंगी इंद्रधनुष आकाश से उतर आया। शहर से लेकर गांव और पंचक्रोशी का परिक्रमा पथ पर दीपों के प्रकाश से दैदीप्यमान हो उठे। कुंड, सरोवर, तालाब और मंदिरों में भी दीप जलाए गए।
बता दे उत्तर प्रदेश का काशी अपना साल का आखिरी महापर्व देव दीपावली पूरे उत्साह के साथ मना रहा है। देव दीपावली के मौके पर काशी के गंगा घाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है और सभी 84 घाटों को झालर और दीपकों से प्रज्वलित कर दिया गया है।
प्रसिद्द कवि चंद्रशेखर गोस्वामी की ये शब्द काशी की भव्यता को यूँ बयान करते है -
जिसने भी छुआ वो स्वर्ण हुआ, सब कहे मुझे मैं पारस हूं।
मेरा जन्म महाश्मशान, मगर मैं जिंदा शहर बनारस हूँ।
काशी को ‘सात वार नौ त्यौहार‘ का शहर कहा जाता है। आज भगवन शिव के त्रिशूल की नोक पर बसा यह शहर इस साल के अपने आखिरी महापर्व देव दीपावली को मना रहा है। देव दीपावली को लेकर शिव की नगरी काशी में गजब का उत्साह देखा जा रहा है।
देव दीपावली को लेकर सभी 84 घाटों को 9 जोन 16 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटा गया है। प्रत्येक जोन की जिम्मेदारी डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को दी गई है। वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए 17 एंटी रोमियो स्क्वायड की टीम को घाटों पर तैनात किया गया है।