रामपुर में बोले आज़म खान हिंदुस्तान में बस तीन माफिया हैं, मैं, अतीक और मुख्तार

हिंदुस्तान के गृह मंत्री ने मुझे पहले नंबर का माफिया कहा, मुझे,दूसरे नंबर का अंसारी ओर तीसरे नंबर पर अतीक है. आज़म खान ने कहा कि हम विश्व गुरु हैं. पैगम्बर इस्लाम की शान में तौहीन कर हम विश्व गुरू बनना चाहते हैं.

रामपुर में बोले आज़म खान हिंदुस्तान में बस तीन माफिया हैं, मैं, अतीक और मुख्तार

रामपुर का चुनाव एक बार फिर आजम खान बनाम भारतीय जनता पार्टी बनता दिख रहा है. आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इन जगहों पर मुकाबला भी दिलचस्प होता जा रहा हैं. लोकसभा उपचुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, उतने ही जोर-शोर से प्रचार प्रसार में प्रत्याशी जी जान से लगे हुए हैं. चुनावी माहौल में हर उम्मीदवार अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करता दिखाई दे रहा है

रामपुर में एक सभा को सम्बोधित करते हुए आज़म खान ने कहा कि 

"हिंदुस्तान के गृह मंत्री ने मुझे पहले नंबर का माफिया कहा, मुझे,दूसरे नंबर का अंसारी ओर तीसरे नंबर पर अतीक है. आज़म खान ने कहा कि हम विश्व गुरु हैं. पैगम्बर इस्लाम की शान में तौहीन कर हम विश्व गुरू बनना चाहते हैं. किसी भी धर्म की तौहीन करने वाला कभी गुरु नही बन सकता. विश्व गुरु तो बहुत बड़ी बात है.  दिल मे बहुत ज़ख्म है.  ज़ख्म नासूर बनना चाहते है. मैं उन पर मरहम लगाना चाहता हु ताकि ज़ख्म भर जाए."

रामपुर में उपचुनाव में केमरी में सभा के दौरान आज़म ने कहा कि ये भी एक सच है कि हिंदुस्तान के मुस्लिम, हिंदुस्तान का बंटवारा नही चाहते थे.  सबसे बड़ी नुमाइंदगी उस समय मौलाना आज़ाद करते थे. बंटवारे की हिमायत करने वाले ओर पाकिस्तान बनाने का नारा देने वाले मिस्टर जिन्ना थे.  लेकिन मौलाना आज़ाद मुत्तहिद हिंदुस्तान रहे. आजम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बापू के पास खान गफ्फार खान आकर रोने लगे बापू ये क्या किया आपने? अंग्रेज़ी में इतिहासकार लिखता है. बापू यू टू. बापू तुम भी तैयार हो गए. यानी अगर किसी पर यकीन था कि कोई शख्स पूरी तहरीक में अगर कोई बंटवारे के लिए तैयार नहीं होगा, तो उसका नाम करमचंद गांधी है.लेकिन जब बापू ही तैयार हो गए. ऐसे में सबकी हिम्मत टूट गई.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आज़म ने कहा - लेकिन जानते हो बापू को तैयार कराने वाले कौन लोग थे. जो हिंदुस्तान की सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे हैं. उन्होंने बापू से कहा कि तुम मुसलमान से डर गए.  लिहाजा लिखने वाला ये भी लिखता है कि ये वो लम्हा था जब बापू वाकेई डर गए और बापू ने डरकर ये फैसला लिया. खून में नहा गया हिंदुस्तान. हमने नहीं चाहा था कि हिंदुस्तान बंटे ओर अगर हिंदुस्तान बंटा न होता, पाकिस्तान बांग्लादेश-अफगानिस्तान का कुछ हिस्सा और हिस्सा जो औरंगज़ेब ने जीता था, रंगुन तक हिंदुस्तान था. हमारे लिए ये वतन था और है.