नाम बदलने पर BJP और कांग्रेस आमने-सामने, PM संग्रहालय में "लोकतंत्र की जननी भारत" और पीएम मोदी के जीवन पर गैलरियां जल्द
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी किए जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच नई लड़ाई शुरू हो गई है.
राजधानी दिल्ली में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी किए जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच नई लड़ाई शुरू हो गई है.
तीन मूर्ति भवन में संग्रहालय का नामकरण उसी इमारत के परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन के लगभग एक साल बाद हुआ है. तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी देश के पहले प्रधानमंत्री के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश कर रही है.
खरगे ने ट्वीट किया, "जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता.
इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है. मोदी सरकार की बौनी सोच, 'हिन्द के जवाहर' का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!"
जयराम रमेश ने पीएम मोदी को "विश्वगुरु" के रूप में पेश किए जाने पर कटाक्ष किया. उन्होंने ट्वीट किया- ''संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है. 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना घर रहा है.
अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा. पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे. अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है."
भाजपा ने संग्रहालय के नाम में बदलाव का बचाव किया है और कांग्रेस से मामले का राजनीतिकरण बंद करने को कहा है. भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कांग्रेस के हमले को "राजनीतिक अपच का एक उत्कृष्ट उदाहरण" कहा.
जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, "... एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि एक वंश से परे ऐसे नेता हैं जिन्होंने हमारे देश की सेवा और इसका निर्माण किया है. पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसे महसूस करने के लिए दृष्टि की कमी है."
भाजपा सांसद नीरज शेखर ने गांधी परिवार की ओर इशारा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी एक वंश के अलावा आगे नहीं देखा. नीरज शेखर ने ट्वीट किया, "मेरे पिता पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी ने हमेशा राष्ट्रहित के लिए काम किया. उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काम किया, लेकिन उन्होंने कभी एक वंश से परे नहीं देखा. अब जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रधानमंत्रियों को सम्मानित किया, तो कांग्रेस उत्तेजित हो रही है. यह भयानक रवैया है."
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने ही उन नेताओं का भी अपमान करने से नहीं हिचकिचाती है जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है, जबकि उसके नेताओं ने अभी तक संग्रहालय का दौरा नहीं किया है, यह देखने के लिए कि जवाहरलाल नेहरू और उनके उत्तराधिकारियों के योगदान और उपलब्धियों को तकनीक के उपयोग से बेहतर तरीके से कैसे प्रदर्शित किया गया है.
संस्कृति मंत्रालय ने आज कहा कि नाम बदलने का फैसला रक्षा मंत्री और सोसाइटी के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में किया गया.
संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि राजनाथ सिंह ने "नाम में बदलाव के प्रस्ताव का स्वागत किया" क्योंकि अपने नए रूप में संस्थान जवाहरलाल नेहरू से लेकर पीएम मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को दर्शाता है और यह भी दर्शाता है कि प्रधानमंत्रियों ने अपने समय की चुनौतियों का कैसे जवाब दिया.
उन्होंने प्रधानमंत्रित्व को एक संस्था बताया और पूर्व प्रधानमंत्रियों की यात्रा की तुलना इंद्रधनुष के रंगों से की. रक्षा मंत्री ने कहा, "इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसके सभी रंगों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व होना चाहिए."