UP मेयर चुनाव में BJP ने किया क्लीन स्वीप, हर सीट के लिए अलग रणनीति, CM Yogi का प्रचार
योगी ने अपनी रैलियों में कानून व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाया था. इधर, नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने 199 सीटों में से 99 पर बढ़त बनाई हुई है. सपा और निर्दलीय में टक्कर चल रही है. राज्य के 75 जिलों में नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में क्रमश: चार मई और 11 मई को मतदान हुआ था.
उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने जहां भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में महापौर सीट अपने पास बरकरार रखी, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर में भी फिर से पार्टी के उम्मीदवार को मतदाताओं ने महापौर चुना.
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार यूपी के 17 नगर निगमों में से 15 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए हैं और इनमें सभी पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महापौर चुने गए हैं. यूपी निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ 50 रैलियां की थीं.
योगी ने अपनी रैलियों में कानून व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाया था. इधर, नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने 199 सीटों में से 99 पर बढ़त बनाई हुई है. सपा और निर्दलीय में टक्कर चल रही है. राज्य के 75 जिलों में नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में क्रमश: चार मई और 11 मई को मतदान हुआ था.
नगर निकाय चुनाव में 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिए दोनों चरणों में मतदान हुआ. चुनाव में 17 महापौर और 1,401 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान हुआ, जबकि 19 पार्षद निर्विरोध चुने गए.
राज्य में नगर पालिका परिषदों के 198 अध्यक्षों और 5,260 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ. मतदाताओं ने नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के 7,104 सदस्यों के भाग्य का फैसला करने के लिए भी मतदान किया. कुल मिलाकर, 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए, जबकि 14,522 पदों के लिए 83,378 उम्मीदवार मैदान में थे.
बता दे कि 2017 के नगरीय निकाय चुनाव के समय यूपी में नगर निगम की 16 सीटे थीं. जिनमें से बीजेपी ने 14 हासिल की थी. मेरठ, अलीगढ़ पर बीएसपी ने कब्जा किया था. इस बार शाहजहांपुर नया नगर निगम बना था. बीजेपी की रणनीति पुरानी सीटों पर रणनीति को कायम रखते हुए शहाजहांपुर के लिए किसी भी तरह से जीत का फॉर्मूला निकालना था. पार्टी ने हमेशा की तरह माइक्रो मैनेजमेंट करते हुए योगी सरकार के मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों को अलग अलग नगर निगम और नगर पालिका परिषद की जिम्मेदारी सौंपी.
इस जीत पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह विराट विजय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं डबल इंजन सरकार की जनपक्षीय, विकासपरक एवं सर्वसमावेशी नीतियों के प्रति प्रचंड जन-विश्वास को दिखाती है. उन्होंने कहा कि राज्य में अब ट्रिपल इंजन की सरकार बन गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी यूपी की इस जीत की तारीफ़ की है.
बीजेपी ने इस बार मुस्लिम विशेषकर पसमांदा मुस्लिम पर भी दांव खेला. जगह जगह नगर पालिका और नगर पंचायत में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे. ये पार्टी की छवि और सर्वस्वीकार्यता को बताने में एक कदम साबित हुआ. साथ ही आने वाले समय में बीजेपी की रणनीति का भी इसने संकेत दिया. शहरों के चुनाव में कई जगह शहरी पढ़े लिखे मुस्लिम युवा भी बीजेपी की तरफ जाते दिखे. हालांकि वोट के लिहाज से अभी इसका आकलन होना बाकी है.
फिलहाल नगर निकाय के साथ स्वार और छानबे उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है. यूपी में तुरुप का पता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हार्ड हिन्दुत्व का चेहरा है. ये कार्ड उन्हें चुनौतियों से कितना पार करायेगा, ये आने वाले समय में तय होगा. लेकिन इतना तय है कि अभी उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का जादू बरकरार है. आगे आने वाली चुनौतियों को इन्हीं दोनों के सहारे बीजेपी को पार पाना होगा.