BJP ने मेरी छवि खराब करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए- लालकिले से बोले राहुल गांधी
पीएम और बीजेपी ने हजारों करोड़ रुपए खर्च कर दिए मेरी छवि खराब करने में. लेकिन मैंने एक शब्द नहीं बोला. ना सफाई दी. एकदम चुप रहा. मैंने सोचा कि चलो देखता हूं कि कितना दम है. वॉटसएप, फेसबुक पर चलाया. पूरे देश में दुष्प्रचार किया. अब एक महीने में मैंने सच्चाई दिखा दी. पूरा का पूरा खत्म. सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता है. कहीं ना कहीं से सच्चाई बाहर आ जाती है.
देश की राजधानी दिल्ली में भारत जोड़ो यात्रा शनिवार सुबह पहुंची. दिनभर राहुल गांधी दिल्ली के कई मार्गों से गुजरे. इस दौरान सुबह उन्होंने आश्रम में मंदिर में पूजा की और दोपहर निजामुद्दीन की दरगाह में चादरपोशी की. यात्रा मथुरा रोड, इंडिया गेट होते हुए आईटीओ से सीधे लालकिला पहुंची. यहां पर यह यात्रा मेगा शो में बदल गई. राहुल गांधी ने यहां मेगा शो को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर ताबड़तोड़ हमला बोला. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
राहुल गांधी के आज के कार्यक्रम में बदलाव हो गया है. राहुल गांधी राजघाट समेत अन्य समाधियों पर फूल चढ़ाने नहीं जा रहे हैं. चूंकि शाम की पदयात्रा में भीड़ बढ़ने के कारण समय ज्यादा लग गया, इसलिए देरी हो गई. अब राहुल गांधी कल यानी 25 दिसंबर की सुबह समाधियों पर श्रद्धांजलि देने जाएंगे. राहुल कल वीरभूमि (राजीव गांधी), शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी), शांति वन (पं. जवाहर लाल नेहरू), विजय घाट (लाल बहादुर शास्त्री), राष्ट्रीय स्मृति स्थल (अटल बिहारी वाजपेयी), राजघाट (महात्मा गांधी) पर श्रद्धांजलि देंगे.
राहुल ने कहा कि हमें शर्ट और सेलफोन, जूतों के नीचे मेड इन इंडिया लिखना है. हमें वो दिन देखना है, जब कोई चीन में जाकर देखे कि मेड इन नई दिल्ली इंडिया. ये हम करके दिखा देंगे. ये देश इसे पूरा सकता है. राहुल ने लोगों को फ्लाइंग किश दिया. हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी वाले हिंदू धर्म की बात करते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि हिंदू धर्म में गरीब और कमजोर लोगों को मारने के बारे में कहा लिखा हुआ है. मैंने गीता, उपनिषद पढ़ा. कहीं पर भी गरीब और कमजोर लोगों को मारने के बारे में नहीं लिखा हुआ है. हिंदू धर्म कहता है कि डरो मत. ये लोग पूरे देश में 24 घंटे डर और नफरत फैलाने की बात करते हैं.
पीएम और बीजेपी ने हजारों करोड़ रुपए खर्च कर दिए मेरी छवि खराब करने में. लेकिन मैंने एक शब्द नहीं बोला. ना सफाई दी. एकदम चुप रहा. मैंने सोचा कि चलो देखता हूं कि कितना दम है. वॉटसएप, फेसबुक पर चलाया. पूरे देश में दुष्प्रचार किया. अब एक महीने में मैंने सच्चाई दिखा दी. पूरा का पूरा खत्म. सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता है. कहीं ना कहीं से सच्चाई बाहर आ जाती है. नफरत और डर से प्यारे देश को नुकसान हो रहा है. ये सच्चाई है. इसलिए हमने ये यात्रा कन्याकुमार से लेकर कश्मीर तक की है. तिरंगा को हम अब श्रीनगर में लहराएंगे.
किसानों का मामला उठया तो ये मेरे पीछे पड़े हुए हैं. मेरी छवि खराब करने के लिए ये करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं, मेरे ऊपर आरोपों की झड़ी लगाई गई, फिर भी मैं चुप्पी साधे रहा.आज मैं नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं. आज मैंने मोहब्बत की लाखों दुकानें खोल दी है. राहुल गांधी ने चीन की घुसपैठ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि चीन हमारी जमीन हड़प रही है और हम आज भी उसके सामान का इस्तेमाल कर रहे हैं. चीन से मुकाबला हम कर सकते हैं. प्रधानमंत्री इसपर जवाब क्यों नहीं देते हैं.
राहुल ने कहा कि मीडिया वाले मुझसे पूछते हैं कि आपको ठंड नहीं लगती है. मैंने कहा कि ये हिंदुस्तान के किसान, मजदूर और गरीबों से क्यों नहीं पूछते. मैंने तो सिर्फ 2800 किमी सफर तय किया. ये कोई बड़ी बात नहीं है. हमारे देश के किसान, मजदूर पूरी जिंदगी में 10 हजार किमी तक चल लेते हैं. पूरा हिंदुस्तान चलता है.
भारत जोड़ो यात्रा में कोई नफरत नहीं थी. ना कोई हिंसा थी. कभी कोई गिर जाता, तो एक सेकेंड उठा लेता था. जैसे हरियाणा के पीसीसी चीफ गिरे तो एक सेकेंड में उठा लिया गया. जब राजनीति में आया 2004 में, हमारी सरकार थी. ये प्रेस वाले प्रशंसा करते थे. 24 घंटा राहुल गांधी करते थे. फिर मैं चला गया भट्टा परसोल. वहां किसानों का जमीन का मामला छेड़ दिया. उसके बाद से पीछे पड़ गए. जमीन अधिग्रहण बिल आया. 24 घंटे पीछे पड़ गए.
हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री पर लगाम लगी है. उनकी गलती नहीं है. वो संभाल नहीं पा रहे हैं. उनको कंट्रोल कर लिया है. सारे पब्लिक सेक्टर भी उनके हैं. एयरपोर्ट, पोर्ट, एग्रीकल्चर, लालकिला भी उनका है. ताजमहल भी चला जाएगा. ये देश की सच्चाई है. हाइवे और सेलफोन भी उनके हैं. मगर, सच्चाई हमारी.