बैंक कर्मी ने पत्नी के साथ साजिश रच कर लोकसभा के रिटायर्ड अधिकारी को लगाया 1 करोड़ का चूना
बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया है कि एक्सिस बैंक के कर्मचारी अभिषेक माहेश्वरी और उनकी पत्नी ने उनके साथ ठगी की है. माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी थी कि वो अपने पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में निवेश करें। इसके बाद उन्होंने साल 2018 में उन्होंने 50-50 लाख रुपये के दो चेक दिए। इसके बाद मार्च 2019 में विप्रो में निवेश करने के लिए 30 लाख रुपये का एक चैक और दिया।
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सेक्टर-43 इलाके से लोकसभा के रिटायर्ड सुरक्षा उप निदेशक बी एल आहूजा से एक करोड़ रुपए ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगी करने का यह आरोप किसी बड़े अपराधी पर नहीं बल्कि एक्सिस बैंक के कर्मचारी पर लगा है। ठगी का शिकार हुए 83 साल के बीएल आहूजा लोकसभा के पूर्व अधिकारी हैं, जिन्होंने एक्सिस बैंक के एक कर्मचारी अभिषेक माहेश्वरी और उसकी पत्नी पर ठगी का आरोप लगाया है।
बी एल आहूजा गुरुग्राम को सेक्टर 43 में रहते हैं. साल 2000 में वो लोकसभा में डिप्टी डायरेक्टर (सुरक्षा) के पद से रिटायर हुए थे। बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया है कि एक्सिस बैंक के कर्मचारी अभिषेक माहेश्वरी और उनकी पत्नी ने उनके साथ ठगी की है. उन्होंने कहा कि वो माहेश्वरी को साल 2013 से जानते थे। उस समय वो आईसीआईसीआई बैंक में काम करता था। फिलहाल इस दंपति के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बी एल आहूजा ने पुलिस को बताया कि वह बैंक कर्मचारी माहेश्वरी को 2013 से जानते थे, जब वह ICICI बैंक में काम करता था। आहूजा ने कहा कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी कि वह पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में लगाएं। आहूजा ने 2018 में उन्हें 1 करोड़ रुपये के दो चेक दिए। मार्च 2019 में, उन्होंने विप्रो के शेयरों में निवेश करने के लिए 30 लाख रुपये का एक और चेक दिया। आहूजा ने कहा कि अमेरिका में रहने वाले उनके बेटे ने माहेश्वरी से कई बार निवेश की स्थिति के बारे में पूछा, जिसके बाद उसने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज साझा किए।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी थी कि वो अपने पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में निवेश करें। इसके बाद उन्होंने साल 2018 में उन्होंने 50-50 लाख रुपये के दो चेक दिए। इसके बाद मार्च 2019 में विप्रो में निवेश करने के लिए 30 लाख रुपये का एक चैक और दिया। उन्होंने ये भी बताया कि उनका बेटा अमेरिका में रहता है और उसने माहेश्वरी से निवेश की स्थिति के बारे में कई बार जानने की कोशिश की, लेकिन उसने फर्जी दस्तावेज पेश किए। जब पीड़ित ने अपने निवेश के बारे में पूछा आरोपी ने बताया कि बहुत अच्छा रिटर्न दे रहा है।लेकिन जब साल 2021 में कोरोना काल के दौरान उनका बेटा घर वापस आया तो उसने इसकी जानकारी जुटाई।
उनके बेटे ने वित्तीय विवरणों की जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी. एक बार फिर उसने माहेश्वरी से रिटेल ब्रोकरेज खातों और विवरणों की जानकारी मांगी, लेकिन माहेश्वरी ने उनसे “झूठे वादे” किए। आहूजा के बेटे ने तब स्थानीय ब्रोकरेज कार्यालय से संपर्क किया. वहां से पता चला कि माहेश्वरी कथित तौर पर अपनी पत्नी अर्चना के साथ एक “सब-ब्रोकरेज” चलाता है। आरोपियों ने कथित तौर पर बिना अनुमति के आहूजा के बारे में जानकारी हासिल की और उनके फोन से ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) प्राप्त करके खाते पर नियंत्रण कर लिया, जिसके चलते आहूजा को शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पुलिस ने बताया कि बैंक कर्मचारी अभिषेक माहेश्वरी व उसकी पत्नी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी, वसीयत), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (धोखाधड़ी या बेईमानी से जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) के तहत FIR दर्ज की गई है। सुशांत लोक पुलिस थाने के प्रभारी दीपक कुमार ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। तथ्यों की पुष्टि होने जाने के बाद कानून के अनुसार आरोपियों को सजा दी जाएगी।