SMS नंबर बदलकर बैंक के अफसर कर रहे एकाउंट खाली, उत्तराखंड STF की बड़ी कार्रवाई में तीन गिरफ्तार
एक व्यक्ति के खाते से इकतीस लाख की ठगी हुई है और ठगी करने वाला कोई और नहीं बल्कि सेंट्रल बैंक के ही तीन अधिकारी हैं. सेंट्रल बैंक के इन तीनो अधिकारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. शिकायतकर्ता और उनकी मां का सेंट्रल बैंक में संयुक्त बैंक खाता था. बैंक अधिकारियों ने बिना उनकी मां की अनुमति के एसएमएस नंबर बदलकर खाते से तीस लाख रुपये निकाल लिये.
अगर आपने भी अपनी गाढ़ी कमाई बैंक में रखी है, तो समय-समय पर चेक भी करते रहें क्योंकि बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से आजकल फ्रॉड के मामले भी सामने आने लगे हैं. जी हां, देहरादून में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के खाते से इकतीस लाख की ठगी हुई है और ठगी करने वाला कोई और नहीं बल्कि सेंट्रल बैंक के ही तीन अधिकारी हैं. सेंट्रल बैंक के इन तीनो अधिकारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है.
मामला वाकई चौंकाने वाला है. दरअसल, शिकायतकर्ता और उनकी मां का सेंट्रल बैंक में संयुक्त बैंक खाता था. बैंक अधिकारियों ने बिना उनकी मां की अनुमति के एसएमएस नंबर बदलकर खाते से तीस लाख रुपये निकाल लिये. इस मामले की शिकायत पर एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए आरोपी बैंक प्रबंधक निश्चल राठौर को दिल्ली से और दो सहायक बैंक प्रबंधकों आजम और कवीश को दून से गिरफ्तार किया. एसटीएफ का कहना है कि इस तरह की कोई और ठगी न हुई हो, यह भी जांच की जा रही है.
साइबर सेल के सीओ अंकुश मिश्रा का कहना है कि बैंक कर्मचारी ग्राहकों के बैंक खातों में SMS अलर्ट नंबर बदल कर उनकी मेहनत की कमाई उड़ा रहे थे. हर्रबटपुर थाना विकासनगर निवासी अतुल कुमार शर्मा ने दून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत दी. उन्होंने बताया कि बैंक में उनकी मां और उनके संयुक्त बैंक खाते से SMS अलर्ट नंबर फर्ज़ी ढंग से बदलकर 30.95 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकाले गए.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम बनाई गई. जांच के दौरान घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, ई-वालेट, और बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व भौतिक साक्ष्यों के आधार पर जानकारी इकट्ठी की गई तो शिकायत सही पाई गई. पता चला कि बैंक अधिकारी ने SMS अलर्ट नंबर चेंज कर नेट/मोबाइल बैंकिंग के ज़रिये सोना खरीदा और फिर सोने को बेचकर पैसे कमाए जा रहे थे. बताया जा रहा है कि तीनों आरोपियों में से मुख्य आरोपी पहले भी फ्रॉड के एक केस में सस्पेंड हुआ था.