सावधान नाक कान में अंडे दे रहे है मच्छर और मक्खियाँ, नाक कान में कीड़े पैदा होने पर कैसे सामने आते है लक्षण, क्या उपाय है कैसे सावधानी बरती जाये
इस तरह का इनफेक्शन ट्रॉपिक्स और सब ट्रॉपिक्स में आम है और यह 10 साल से कम उम्र के बच्चों व बीमार लोगों में ज्यादा होता है.पिछले तीन दिनों में ऐसे दो मामले उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक अस्पताल के ट्र्रॉमा सेंटर में दिखाई दिए हैं। एक वृद्ध महिला की नाक और युवक के कान में मच्छर और मक्खी के लार्वा से पैदा हुए 200 से अधिक कीड़ों को निकालने में कई घंटे लग गए। सावधान नाक कान में अंडे दे रहे है मच्छर और मक्खियाँ, नाक कान में कीड़े पैदा होने पर कैसे सामने आते है लक्षण क्या उपाय है कैसे सावधानी बरती जाये
चिंताजनक बात सामने आयी है अगर आपके नाक या कान में कोई मक्खी, मच्छर गलती से चला गया है और इसके बाद आपको कीड़ा रेंगने जैसा महसूस हो रहा है तो अब सावधान हो जाएं। आपके नाक या कान में घुसे हुए ये कीड़े अपना लार्वा तेजी से इन जगहों पर छोड़कर मर जाते हैं लेकिन उनके अंडे या कहे लार्वा से उत्पन्न सैकड़ों कीड़े आपके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।
पिछले तीन दिनों में ऐसे दो मामले उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक अस्पताल के ट्र्रॉमा सेंटर में दिखाई दिए हैं। एक वृद्ध महिला की नाक और युवक के कान में मच्छर और मक्खी के लार्वा से पैदा हुए 200 से अधिक कीड़ों को निकालने में कई घंटे लग गए। नाक कान गला का एक अनुभवी चिकित्सक के कहने के अनुसार अगर समय रहते इन कीड़ों को नहीं निकाला जाता है तो लार्वा से सैकड़ों कीड़े पैदा होने के बाद ये नाक, कान की खाल, हड्डी तक में अपना घर बना लेते हैं। डायबिटीज और कैंसर रोगी की इम्युनिटी पावर कम होने के चलते उन्हें ज्यादा परेशानी आती है।
एक और वाकया थाना मटसेना की पीथनी गांव की 65 साल की प्रेमा देवी पत्नी राधेश्याम की नाक में मक्खी चली गई थी। महिला को लगा कि वह निकल गई होगी और कुछ घंटे तक नाक में खुजली होती रही। कुछ दिनों बाद महिला की नाम में तेज दर्द होने लगा। लार्वा से उत्पन्न कीड़ों ने काटना शुरू कर दिया। खाल में घर बनाने के चलते कीड़े छेद करते थे और वृद्धा दर्द से चिल्लाती थी। परिवार के लोगों ने चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने दर्द की गोलियां दीं जिससे कुछ घंटे आराम मिल जाता था। तीन दिन पहले ट्रॉमा सेंटर के ईएनटी चिकित्सक के पास लाया गया तो जांच में नाक में कीड़े रेंगते हुए दिखाई दिए।
कुछ समय पहले भी ऐसा ही एक वाकया सामने आया था जब गम्हरिया निवासी 70 वर्षीय वृद्धा की नाक में घर में साफ-सफाई का काम करने के दौरान अचानक एक मक्खी तब घुस गई थी। यह मक्खी करीबन दो मिनट में निकल तो गई, लेकिन उतनी ही देर में नाक के अंदर अंडे दे दिए। फिर क्या था, इसके बाद अंडे जैसे-जैसे बड़े होने लगे, महिला की नाक का दर्द बढ़ने लगा। यहां तक कि दर्द बढ़कर सिर तक जा पहुंचा। लगातार महिला की स्थिति गंभीर होते देख परिजनों ने उसे टेल्को क्षेत्र के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान जो बात सामने आई उससे डॉक्टर भी हैरान थे। महिला को जब हॉस्पिटल में भर्ती किया गया तो उसकी नाक से लगातार खून निकल रहा था जिसे देखकर चिकित्सक व परिजन भी हैरान थे। चिकित्सकों ने एक विशेष टीम गठित कर मरीज की जांच-पड़ताल शुरू की। इसमें पता चला कि मरीज की नाक में तीन दिन पूर्व मक्खी घुस गई थी। हालांकि वह कुछ ही देर बाद निकल गई, लेकिन तब तक करीब 70 अंडे दे चुकी थी। ये अंडे कीड़े का आकार ले चुके थे। चिकित्सकों ने जब कीड़े निकालने शुरू किए तो बारी-बारी से करीब 70 कीड़े निकले। सभी कीड़े निकलने के बाद महिला की तबीयत में अब सुधार हो रहा है। चिकित्सकों ने उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी है।
नाक के अंदर मक्खी के अंडे कीड़े का आकार ले चुके थे। धीरे-धीरे कीड़ों का आकार बढ़ता जा रहा था। अगर समय से इलाज नहीं होता तो कीड़े दिमाग में पहुंच जाते और अंजाम के तौर पर मौत मिलती।
नाक कान में कीड़े पैदा होने पर कैसे सामने आते है लक्षण
-*- नाक से खून आना शुरू हो जाएगा
-*- नाक और आंख में दर्द होने लगेगा
-*- दर्द होने के साथ कम सुनाई देगा
-*- गाल में किसी कीड़े का काटना महसूस होगा
-*- उल्टियां आएंगीं और बार-बार दर्द होगा।
पर्दा और हड्डी खा गए कीड़े
फिरोजाबाद के राकेश कान में दर्द से परेशान रहता था। जब वह चिकित्सक के पास तीन दिन पहले आया तो जांच में पता चला कि कान का पर्दा फटा हुआ है और कान के अंदर कीड़े रेंग रहे हैं। ये कान की हड्डी तक को खा गए थे। इन 188 कीड़ों को कान से निकाला गया।
एक व्यक्ति कान में इनफेक्शन से पीड़ित था. उसके कान में कोई आम इनफेक्शन नहीं था, बल्कि यह मैगॉट यानी कीड़ा इनफेक्शन था. असल में उसके कान में सैकड़ों रेंगने वाले जीव थे. सफेद रंग के छोटे-छोटे कीड़े उसके कान से झांक रहे थे. उस व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा पीड़ादायक बात तो ये थी कि ये कीड़े उसके मांस को खाकर जिंदा थे और अगर उन्हें जल्दी नहीं हटाया जाता तो वे उसके दिमाग तक पहुंच जाते. एक बार कीड़े उसके दिमाग में पहुंच जाते तो उसकी मौत भी हो सकती थी. उन्होंने बताया कि दरअसल जब वह व्यक्ति सो रहा था तो उस दौरान घरेलू मक्खी उसके कान घुस गई थी. मक्खी ने उसके कान में अपने लार्वा छोड़ दिए जो बाद में सैंकड़ों कीड़े बन गए और उसके कान का मांस खाकर बढ़ने लगे. इनमें से हर कीड़ा करीब 1 सेंटीमीटर लंबा था.
क्या उपाय है कैसे सावधानी बरती जाये
-*- मच्छरदानी लगाकर सोएं
-*- गंदगी वाले क्षेत्र में मुंह को ढकें
-*- नाक या कान में दिक्कत महसूस हो तो चिकित्सक को दिखाएं
-*- मच्छर या मक्खी कान में जाए तो इसे हल्के में नहीं लें
-*- कान से खुद कीड़े न निकालें।
यूरोप और उत्तर अमेरिका में भी इस तरह के इनफेक्शन से पीड़ित लोग मिल जाते हैं. इस इनफेक्शन से ग्रसित व्यक्ति के कान में गूंजने की आवाज के साथ ही बदबूदार तरल भी निकलता है. इससे उस व्यक्ति की सुनने की क्षमता पूरी तरह से नष्ट हो सकती है. कान और नाक के इनफेक्शन को बेहद खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसमें कीड़े के दिमाग तक पहुंचने का खतरा बना रहता है. डॉक्टर विक्रम यादव के अनुसार इन कीड़ों को बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि कान में ऐसी स्थिति पैदा कर दो कि उन्हें सांस लेने के लिए बाहर आना पड़े. इसके साथ ही डॉक्टर यादव ने हिदायत भी दी है कि अगर कोई बच्चा, बूढा या कोई अन्य व्यक्ति सो रहा हो और घर में मक्खी दिखे तो बेहतर यही होगा कि आप एक कपड़े से उनका मुंह ढक दें. ताकि मक्खी आकर नाक या कान में अंडे ना दे दे.इस तरह का इनफेक्शन ट्रॉपिक्स और सब ट्रॉपिक्स में आम है और यह 10 साल से कम उम्र के बच्चों व बीमार लोगों में ज्यादा होता है.
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सावधानी ही बेहतर उपाय है. समाचार पत्रों और इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के आधार पर संकलित लेख