फर्जी पावर ऑफ अटार्नी केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 7 सब रजिस्ट्रार सस्पेंड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी मामले में बड़ा कदम उठाया है. अब तक दो जिलों के सात सब रजिस्ट्रार को निलंबित किया जा चुका है.गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए गाजियाबाद के 4 सब रजिस्ट्रार निलंबित कर दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी मामले में बड़ा कदम उठाया है. अब तक दो जिलों के सात सब रजिस्ट्रार को निलंबित किया जा चुका है.गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए गाजियाबाद के 4 सब रजिस्ट्रार निलंबित कर दिए गए हैं. दरअसल, गाजियाबाद सदर तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में लंबे समय से फर्जी पावर ऑफ अटार्नी का खेल चल रहा था. इसकी जानकारी होने के बाद जांच कराई गई.
गाजियाबाद के 4 सब रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया गया है. अब तक गाजियाबाद जिले के 5 सब रजिस्ट्रार सस्पेंड हुए हैं. सब रजिस्ट्रारों के सस्पेंशन के बाद गाजियाबाद जिले में निबंधन अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा है. सब रजिस्ट्रार प्रथम रविंद्र मेहता, तृतीय में सुरेश चंद मौर्य, द्वितीय अवनीश कुमार राय और पंचम में नवीन राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. मुरादाबाद में भूमि घोटाले में संपत्ति प्रबंधक अमित शुक्ला, लक्ष्मण प्रसाद और प्रमोद कुमार को निलंबित किया गया है.
बता दे पिछले महीने गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद, इन दोनों जिलों में 'पॉवर ऑफ अटॉर्नी' के जरिए अरबों रुपये का गोलमाल हुआ है. एक तरफ सरकार को राजस्व की भारी हानि हुई है तो दूसरी तरफ अरबों रुपये की ब्लैक मनी बनाई गई है. अब इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) ने जांच का आदेश दिया है. इसके लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया है. इन दोनों जिलों में तत्काल प्रभाव से 'पॉवर ऑफ अटॉर्नी' करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.