समाजवादी पार्टी को लगा बड़ा झटका, आजम खां के गढ़ से छूटी स्वार सीट, शफीक अहमद अंसारी की जीत
आजम खान के हाथ से स्वार सीट निकल गई है। यहां अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने 8,824 वोटों से जीत दर्ज की है। बता दें, 1996 के बाद बीजेपी गठबंधन को स्वार में सफलता मिली है। स्वार सीट पर 10 मई को उपचुनाव हुआ था और सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) और सपा के बीच सीधा मुकाबला था।
रामपुर की स्वार सीट पर हुए उपचुनाव के लिए 24 राउंड की काउंटिंग आज शनिवार 13 मई को पूरी हो गई है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है और आजम खान के हाथ से स्वार सीट निकल गई है। यहां अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने 8,824 वोटों से जीत दर्ज की है।
बता दें, 1996 के बाद बीजेपी गठबंधन को स्वार में सफलता मिली है। स्वार सीट पर 10 मई को उपचुनाव हुआ था और सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) और सपा के बीच सीधा मुकाबला था। स्वार सीट पर पहले सपा काबिज थी और यहां से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान विधायक थे।
लेकिन, एक मामले में अब्दुल्ला को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई और स्वार सीट रिक्त हो गई थी। ऐसे में सभी का ध्यान रामपुर की स्वार सीट पर टिका हुआ था, क्योंकि पिछले साल अदालत से सजा मिलने के बाद आजम खान को अयोग्य घोषित कर दिया गया था और उनके हाथ से रामपुर सीट भी चल गई थी। रामपुर सीट गंवाने के बाद जिले में स्वार ही सपा और आजम खान का आखिरी गढ़ बचा है।
बता दे आजम खान का एक और किला बीजेपी गठबंधन के खाते में चल गया और ये सीट सपा के हाथों से निकल गई है। रामपुर सीट के बाद भाजपा गठबंधन अब्दुल्ला आजम की स्वार सीट पर कब्जा कर लिया है। सन 1996 के बाद बीजेपी गठबंधन को स्वार सीट पर पहली बार सफलता मिली है। शफीक अहमद अंसारी प्रदेश में भाजपा गठबंधन के पहले निर्वाचित विधायक बने हैं।
बता दे स्वार सीट सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है. इस सीट पर आजम खान का खासा प्रभाव माना जाता है. जहां से लगातार सपा जीतती रही है, लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग है. सपा ने इस बार मुस्लिम बहुल इलाके में हिन्दू वोटरों को साधने के लिए हिन्दू प्रत्याशी अनुराधा चौधरी को मैदान में उतारा है. जबकि अपना दल ने मुस्लिम प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी पर दांव चला है.