मोदी सरकार का बड़ा फैसला- राजपथ का नाम अब बदल कर कर्तव्यपथ किया जायेगा

मोदी सरकार ने दिल्ली में स्थित 'राजपथ' का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया है। इसके साथ ही 'सेंट्रल विस्टा लॉन' का भी नाम बदला जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 76वें वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें आगे बढ़ने के लिए गुलामी की मानसिकता को छोड़ना होगा,

मोदी सरकार का बड़ा फैसला- राजपथ का नाम अब बदल कर कर्तव्यपथ किया जायेगा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का नाम बदलने की तैयारी कर रही है. सूत्रों ने बताया कि राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्यपथ किया जा सकता है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर को शाम में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करने वाले हैं. 9 सितंबर से इसे सबके लिए खोल दिया जाएगा. इसके पहले 7 रेस कोर्ड रोड का नाम भी बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था.

मोदी सरकार ने भारत के औपनिवेशिक भारत से जुड़े एक और नाम को हटाने की तैयारी में है. गौरतलब है कि कार्यक्रम के ‌अनुसार 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे. अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की पूरी सड़क को कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 76वें वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें आगे बढ़ने के लिए गुलामी की मानसिकता को छोड़ना होगा, जिसके बाद से ही राजपथ के नाम को बदलने को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी.

सरकार ने कई रेलवे स्टेशनों के नामों में भी ऐसे ही बदलाव किया है. सरकार का तर्क है कि आजादी के 75 वर्ष बाद गुलामी का कोई भी प्रतीक नहीं रहना चाहिए. आज के समय के समय में न्यू इंडिया वाले विजन को ताकतवर करने वाला साबित होना चाहिए.

साथ ही पीएम ने 2047 तक कर्तव्यों के महत्व की बात भी कही थी. इसके बाद कयास लगाया गया था कि राजपथ का नाम बदला जाएगा. अब सूत्रों के अनुसार 7 सितंबर को एनडीएमसी की एक बैठक होने वाली है. इस दौरान ही सरकार इस फैसले पर मुहर लगा देगी.

ऐसा पहली बार नहीं है कि राजपथ केवल राजपथ का ही नाम बदला गया है, इससे पहले सरकार ने 'रेस कोर्स', जिस मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास स्थित है, उसका नाम बदलकर 'लोक कल्याण मार्ग' कर दिया था. सरकार के सूत्रों का कहना है कि इन नामों के बदलकर सरकार ने शासक वर्ग को यह संदेश दिया है कि अब शासकों का समय समाप्त हो गया है.