मुख्यमंत्री योगी की बड़ी सौगात, इमरजेंसी में 48 घंटे तक मुफ्त इलाज कराएगी यूपी सरकार
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। यूपी में सभी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के मकसद से अब इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों को पहले 48 घंटे तक मुफ्त उपचार होगा।
उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। यूपी में सभी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के मकसद से अब इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों को पहले 48 घंटे तक मुफ्त उपचार होगा। किसी भी इमरजेंसी रोगी के जीवन के लिए शुरुआत के 48 घंटे काफी अहम होते हैं। इसलिए सीएम योगी के संकल्पों को धरातल पर उतारा जा रहा है और प्रथम 48 घंटे तक रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। इससे ऐसे रोगी जो अकेले होते हैं या उनके साथ तीमारदार भी होते हैं, लेकिन तत्काल पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था नहीं हो पाती है, उनके साथ-साथ आम जनमानस भी लाभान्वित होगा।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार लाइव इमरजेंसी मानिटरिंग सिस्टम लागू की गई है। इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर की स्थापना की जाएगी। मरीज या तीमारदार के कॉल करने पर तत्काल एंबुलेंस मौके पर पहुंचेगी और मरीज को अस्पताल पहुंचाएगी। इस व्यवस्था पर तीन हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें पांच वर्षों में आधारभूत सुविधाओं के विकास पर 1614 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ट्रामा में आने वाले मरीजों के निशुल्क उपचार पर हर साल करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम को योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश में लागू किया जा रहा है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए 48 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान इलाज में आर्थिक समस्या बाधा नहीं बनेगी। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तत्काल निशुल्क सुविधा दी जाएगी।
सीएम योगी ने पिछले पांच वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे से लेकर संसाधनों में भी वृद्धि की है। एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज सहित कई योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी के साथ अब देश में पहली बार लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम लागू होने वाला है। कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस सेवा के तहत एक कॉल पर इमरजेंसी में एंबुलेंस पहुंचेगी और अस्पताल में तुरंत इलाज शुरू होगा।
एंबुलेंस पर तीन सौ करोड़ खर्च होंगे। एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली 750 एंबुलेंस खरीदी जाएंगी। एंबुलेंस संचालन, प्रशिक्षित स्टाफ के वेतन और प्रशिक्षण पर भी करीब 165 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कॉल सेंटर, कमांड सेंटर, सॉफ्टवेयर के संचालन ओर मेंटेनेंस आदि में सालाना 125 करोड़ रुपए खर्च होगा।