अतीक-अशरफ हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर: करीबियों के फोन अचानक बंद सर्विलांस पर लिए गए 3000 मोबाइल पर NO RESPONSE
जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से अतीक से जुड़े सैकड़ों लोगों के फोन सर्विलांस पर लिए गए थे, जिनमें कई नंबर अतीक गैंग के गुर्गों और शूटर्स के भी थे. ये सभी फोन अचानक बंद हो गए हैं. सर्विलांस पर लिए गए 3,000 फोन अचानक बंद हो गए. ये नंबर अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे थे लेकिन अब ये स्विच ऑफ हो गए हैं.
अतीक-अशरफ हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर है कि माफिया से जुड़े लोगों और उनके करीबियों के फोन अचानक बंद हो गए हैं. जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से अतीक से जुड़े सैकड़ों लोगों के फोन सर्विलांस पर लिए गए थे, जिनमें कई नंबर अतीक गैंग के गुर्गों और शूटर्स के भी थे. ये सभी फोन अचानक बंद हो गए हैं.
माना जा रहा है कि जांच एजेंसी के रडार पर आने के डर से ये फोन स्विच ऑफ कर दिए गए हैं. बता दें कि सर्विलांस पर लिए गए 3,000 फोन अचानक बंद हो गए. ये नंबर अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे थे लेकिन अब ये स्विच ऑफ हो गए हैं.
शूटरों की तलाश के लिए उनके दोस्तों, रिश्तेदारों और गिरोह के सदस्यों के नंबर निगरानी पर लगा रखे थे. लखनऊ, प्रयागराज, दिल्ली, बाराबंकी, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, अजमेर, शाहजहांपुर, झांसी, हरदोई, बरेली, सहारनपुर, पटना, रांची और रायपुर समेत 22 जिलों में नंबर स्विच ऑफ है.
जानकारी के लिए याद दिला दे कि 15 अप्रैल की देर रात तीन शूटर्स ने डॉन ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं.
दूसरी तरफ, अतीक अहमद की मौत की गुत्थी उलझी हुई है लेकिन इसकी साजिश के कुछ ऐसे राजदार भी हैं जिनकी करीबी चौंकाने वाली है. मसलन, असद के एक WhatsApp ग्रुप में अतीक की हत्या का आरोपी शूटर अरुण मौर्य भी मेंबर था. दरअसल ये वो WhatsApp ग्रुप है, जिसके सूत्र पुलिस को गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता परवीन तक भी पहुंचा सकते हैं.
गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात मौत से चंद पहले अशरफ ने कुछ खुलासा करने की कोशिश थी, उसने गुड्डू मुस्लिम का नाम तो ले लिया था लेकिन अगली बात हलक में अटक गई थी. वो राज जो अतीक और अशरफ की हलक में फंसकर रह गया, वो साजिश जिसकी तरफ माफिया बर्दर्स इशारा करने की कोशिश कर रहे थे उसकी कड़ियां जुड़ने की सूरत दिखने लगी है.
ये तय है कि उमेश पाल के मर्डर की प्लानिंग के साथ ही अतीक गैंग की लेडी डॉन यानी उसकी पत्नी शाइस्ता ने गैंग की कमान संभालनी शुरू कर दी थी. इस प्लानिंग के दौरान ही अतीक का बेटा असद भी बड़ी भूमिका में आने लगा था.
अतीक के जेल में रहने की वजह से शाइस्ता गैंग में असद के दबदबे को बढ़ाने के लिए चाल चलने लगी थी और इस दौरान ही एक चौंकाने वाली बात हुई, जिसके तार अतीक की हत्या से जुड़ रहे हैं.
दरअसल WhatsApp पर शेर-ए-अतीक नाम से एक ग्रुप बनाया गया था, जिसमें अतीक की मौत का एक आरोपी अरुण मौर्य भी शामिल था और आशंका है कि गुड्डू मुस्लिम भी इसका हिस्सा हो सकता है. इस ग्रुप में अतीक से जुड़ी तमाम जानकारियां शेयर होती थीं. जिस पर हमलावर अरुण की भी नजरें होती थीं. मुमकिन है कि उसने इस ग्रुप में रहते हुए अतीक की हत्या की साजिश रचनी शुरू की हो.