भारत के लिए बड़ा झटका, रूस से सस्ते कच्चे तेल की पहली खेप कराची पहुंची
रूस और पाकिस्तान के बीच कच्चे तेल की यह डील भारत के लिए झटका है। दरअसल भारत और रूस के संबंध मजबूत रहे हैं, जिसके चलते रूस ने पाकिस्तान से एक दूरी बनाकर रखी थी, इसकी वजह पाकिस्तान का अमेरिका के करीब भी होना था। बदलते वैश्विक परिदृश्य में अब जहां भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हो रहे हैं, वहीं पाकिस्तान चीन के खेमे में जा चुका है।
पहले पाकिस्तान ने 2022 में भी रूस से सस्ता तेल खरीदने की बात कही थी। लेकिन तब पाकिस्तान ने अपना कदम पीछे खींचते हुए इस डील को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। एक्सपर्ट्स ने तब पाकिस्तान के इस कदम के पीछे अमेरिका के दबाव को वजह बताया था। लेकिन अब पाकिस्तान ने अमेरिका को बड़ा झटका देते हुए आखिरकार रूस से तेल खरीदने का मन बना ही लिया था।
रूस से सस्ते कच्चे तेल की पहली खेप कराची बंदरगाह पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच यह राहत की बड़ी खबर है। बता दें कि पाकिस्तान भारी कर्ज और लगातार उसकी मुद्रा में आ रही गिरावट से जूझ रहा है।
ऐसे में रूस से पहली खेप के रूप में 45 हजार मीट्रिक टन कच्चा तेल सस्ते दामों में मिलना किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं यह भारत के लिए बड़ा झटका है क्योंकि रूस और भारत के संबंध मजबूत रहे हैं लेकिन अब पाकिस्तान के साथ भी रूस के संबंध लगातार बेहतर हो रहे हैं। ऐसे में कूटनीतिक स्तर पर यह भारत के लिए झटका हो सकता है।
रूस से सस्ते तेल की पहली खेप के कराची पहुंचने पर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने खुशी जताई और ट्वीट कर लिखा कि 'मैंने देश से किया अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि रूस के सस्ते तेल की पहली खेप कराची पहुंच चुकी है और कल से उसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। यह एक बदलाव का दिन है। हम समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं।' पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि 'यह रूस और पाकिस्तान के बीच नए रिश्तों की शुरुआत है।'
जानकारी के लिए बता दे कि इस डील को अंतिम रूप देने के लिए जनवरी 2023 में रूस का एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद पहुंचा था। पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान अगले महीने रूस को कच्चे तेल का ऑर्डर देगा। हालांकि, कंटेनर को पहुंचने में करीब 26-27 दिनों का समय लगेगा। तेल की खेप समुद्र के रास्ते से पाकिस्तान पहुंचेगी।
अगर सबकुछ सही रहता है तो पाकिस्तान, रूस से हर दिन एक लाख बैरल तेल की खरीद कर सकता है। पाकिस्तान में इन दिनों एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 262 पाकिस्तानी रुपए है। रूस से सस्ता तेल मिलने से पाकिस्तान के आम उपभोक्ताओं को महंगाई से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तान और रूस के बीच सस्ते तेल की खरीद के लिए बीते साल दिसंबर से बातचीत चल रही थी। पहले रूस ने 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर पाकिस्तान को सस्ता तेल देने से मना कर दिया था लेकिन बाद में जनवरी में रूस और पाकिस्तान के बीच फिर बातचीत हुई और अप्रैल में पाकिस्तान ने अपना पहला ऑर्डर दिया।
बीते साल पाकिस्तान ने 154000 बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा। इसमें से 80 प्रतिशत खरीद सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों से की गई थी। अब पाकिस्तान रूस से एक लाख बैरल तेल प्रतिदिन खरीद सकता है। वहीं चीन और भारत के बाद पाकिस्तान रूस के तेल का सबसे बड़ा खरीददार बनकर उभरा है।
रूस और पाकिस्तान के बीच कच्चे तेल की यह डील भारत के लिए झटका है। दरअसल भारत और रूस के संबंध मजबूत रहे हैं, जिसके चलते रूस ने पाकिस्तान से एक दूरी बनाकर रखी थी, इसकी वजह पाकिस्तान का अमेरिका के करीब भी होना था।
लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य में अब जहां भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हो रहे हैं, वहीं पाकिस्तान चीन के खेमे में जा चुका है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अलग-थलग पड़ गया है। यही वजह है कि रूस और पाकिस्तान भी करीब आते दिख रहे हैं।