ऑनलाइन गेमिंग के जरिए काली कमाई को बदला जाता था व्हाइट मनी में, बीएससी पास युवक गिरफ्तार
आरोपी ने पिछले 10 दिनों के भीतर अवैध तरीके से ऑनलाइन गेमिंग के जरिए तीन करोड़ 74 लाख से अधिक रुपए क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई में बैठे अपने आका जय द्वारा बताए गए वालेट एड्रेस पर ट्रांसफर किए है। पुलिस फिलहाल गिरफ्तार अभियुक्त को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी में है। माना जा रहा है कि रिमांड पर पूछताछ में आरोपी से ऑनलाइन गेमिंग के अवैध खेल में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी खुलासा हो सकता है।
देश में कुम्भ नगरी नाम से प्रसिद्द प्रयागराज से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। क्रिप्टोकरेंसी के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग का खेल अवैध गेमिंग वेबसाइट्स से होने वाली कमाई को व्हाइट मनी में बदलने के लिए चल रहा था। आरबीआई के नियमों को ताक पर रखकर प्ले प्लस नाम की इस वेबसाइट के जरिये करोड़ों की कमाई की जा रही है। पुलिस अफसरों ने बताया कि देश में कई ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट्स हैं। इनमें से कुछ कानूनी तरीके से व्यवसाय कर रही हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जिनका संचालन आरबीआई के नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। यह वेबसाइट्स करोड़ों रुपयों की कमाई कर रही हैं।
पुलिस को शुरुआती जांच पड़ताल में पता चला है कि आरोपी ने पिछले 10 दिनों के भीतर अवैध तरीके से ऑनलाइन गेमिंग के जरिए तीन करोड़ 74 लाख से अधिक रुपए क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई में बैठे अपने आका जय द्वारा बताए गए वालेट एड्रेस पर ट्रांसफर किए है। पुलिस फिलहाल गिरफ्तार अभियुक्त को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी में है। माना जा रहा है कि रिमांड पर पूछताछ में आरोपी से ऑनलाइन गेमिंग के अवैध खेल में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी खुलासा हो सकता है।
पुलिस अफसरों ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त के मैकबुक से फिलहाल जिन खातों का विवरण मिला है, उनमें प्रयागराज के अलावा उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के साथ ही उत्तराखंड, बिहार व महाराष्ट्र स्थित बैंकों के कुछ खाते भी शामिल हैं। इस संबंध में पूछने पर उसने बताया कि वह परिचितों के साथ ही फेसबुक, टेलीग्राम पर बने चैट ग्रुप्स में भी शामिल है। इन ग्रुप्स पर ऑनलाइन खाते खरीदने व बेचने का भी काम किया जाता है। इसी के जरिये उसने बिहार व महाराष्ट्र के कई लोगों से भी संपर्क कर उनके खाते का यूजरआईडी व पासवर्ड जान लिया था।
पकड़े गए कृष्णा अवतार के बारे में पुलिस अफसरों ने बताया कि वह बीएससी पास है। उसने प्रयागराज में ही रहकर कई साल पहले बीएससी की पढ़ाई की थी। इसके बाद वह लखनऊ चला गया और वहां एक कंपनी में डिजिटल मार्केटिंग का काम करने लगा। कोरोना काल में उसका काम मंदा पड़ गया। करीब छह महीने पहले वह सोशल मीडिया के जरिये जय के संपर्क में आया और फिर उससे जुड़ गया। उसने पूछताछ में बताया कि सोशल मीडिया पर जान पहचान के बाद उसने जय से नौकरी के लिए बात की थी। इसके बाद ही उसने बताया था कि वह बिना कुछ किए ही लाखों की कमाई कर सकता है।
जय ने यह भी बताया कि उसने पहले जय को अपने ही अकाउंट का यूजरआईडी व पासवर्ड दिया था। उसके खाते में जो भी रकम आती थी, उसका एक फीसदी कमीशन उसे मिल जाता था और बाद में इसी रकम से क्रिप्टो करेंसी खरीदी जाती थी। बाद में जय ने उससे कहा कि अगर वह अन्य खाते उपलब्ध कराता है तो और पैसे कमा सकता है।