भंडाफोड़- कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर ठगी, हुआ गिरफ्तार, साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी की एडवाइजरी

भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो छात्रों से कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठने का गोरखधंधा चला रहा था। साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की।जिसमें बताया गया कि स्कूल-कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर ठगी से कैसे बचा जा सकता है

भंडाफोड़- कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर ठगी, हुआ गिरफ्तार, साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी की एडवाइजरी

साइबर क्राइम टीम ने नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी खुद को कॉलेज का स्टाफ बताकर एडवांस पैसा जमा करने की बात कहता। इसके बाद यूपीआई के माध्यम से कई किस्तों में रुपए जमा कराकर ठगी करता। ठगे हुए पैसों को अपने बिजनेस में लगाता था। फरियादी की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। फरियादी द्वारा दी गई जानकारी और टेक्निकल सहायता से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। फिलहाल आरोपी से अभी पूछताछ चल रही है।
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो छात्रों से कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठने का गोरखधंधा चला रहा था। साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की।जिसमें बताया गया कि स्कूल-कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर ठगी से कैसे बचा जा सकता है. मामले की जानकारी देते हुए साइबर एसीपी अक्षय चौधरी ने बताया कि 14 जनवरी को एक युवक ने सायबर क्राइम ब्रांच जिला भोपाल में लिखित शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि उसने अपने भाई का एडमिशन नर्सिंग कालेज भोपाल में कराने के लिये मोबाईल नम्बर 7000384794 पर सम्पर्क किया, जिसने खुद को नर्सिंग कालेज का स्टाफ बताया था और एडमिशन के लिए एडवांस में रुपये जमा करने को कहा।


फरियादी द्वारा दिए गए तथ्यों, बैंक की जानकारी, मोबाइल नंबर व टेक्निकल एनालिसिस की मदद से होशंगाबाद के रहने वाले बलराम साहा को गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि फ्रॉड की गई राशि को निकालकर वो अपने बिजनेस में इस्तेमाल करता था। आरोपी ने ग्रेजूएट तक पढ़ाई की है। पुलिस ने मौके से एंड्रॉयड मोबाइल व सिम कार्ड जप्त किया है।
आरोपी बलराम साहा ने अलग-अलग प्लेटफार्म पर अपना नंबर डाल रखा है। संपर्क करने वाले व्यक्ति या खुद से छात्रों से संपर्क कर उनसे एडमिशन के नाम पर एडवांस में यूपीआई के माध्यम से अपने खाते में रुपए ट्रांसफर करा लेता। जिसका इस्तेमाल वो अपने बिजनेस में करता था। इस समय साइबर ठगों ने नया तरीका निकाला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं अन्य साइटों पर एडमिशन दिलाने के नाम पर विज्ञापन डालकर या खुद फोन से संपर्क कर छात्रों को जाल में फंसाते हैं। इसके बाद उनसे एडवांस के नाम पर अलग-अलग किस्तों में मोटी रकम ऐंठते हैं। 
साइबर क्राइम ब्रांच ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को किया जागरूक -
कॉलेज/स्कूल में एडमिशन कराने के लिए किसी अनजान व्यक्ति के संपर्क से बचें और खुद कॉलेज व स्कूल जाकर एडमिशन कराएं।
सोशल मीडिया पर दिए गए विज्ञापन की सत्यता की जांच कर लें।
किसी भी अनजान वेबसाइट से कोई एप्लिकेशन डाउनलोड न करें।
कभी भी किसी के साथ अपना ओटीपी/सीवीवी/पासवर्ड आदि शेयर न करें।
ऑनलाइन और फोन पर दिए गए लुभावने ऑफर के लालच में न पड़े।
किसी ऑनलाइन लिंक पर क्लिक न करें।
कैश बैक या कैश रिवॉर्ड के नाम पर प्राप्त मैसेज में दिए गए नंबर पर कॉल न करें जानकारी के लिए अपने बैंक में जाकर जानकारी प्राप्त करें।