हल्द्वानी में रेलवे की जमीन में अतिक्रमण का मामला, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, हाईकोर्ट दे चुका आदेश रेलवे की जमीन से कब्जा हटाने का

हल्द्वानी में रेलवे स्टेशन के पास अवैध कॉलोनियों को हटाने के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सुनवाई के बाद आज यह तय हो जायेगा कि रेलवे की जमीन पर काबिज अतिक्रमणकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है या रेलवे को अतिक्रमण हटाने के लिये दिशा-निर्देश जारी होते हैं। अगर कोर्ट ने भी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया तो 4,365 घरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी ।

हल्द्वानी में रेलवे की जमीन में अतिक्रमण का मामला, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, हाईकोर्ट दे चुका आदेश रेलवे की जमीन से कब्जा हटाने का

उत्तराखंड की नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को गिराने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद करीब 4 हजार से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ा जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद कड़ाके की ठंड के बीच 50 हजार से ज्यादा लोगों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडराने लगा है।

हल्द्वानी में रेलवे स्टेशन के पास अवैध कॉलोनियों को हटाने के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।  सुनवाई के बाद आज यह तय हो जायेगा कि रेलवे की जमीन पर काबिज अतिक्रमणकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है या रेलवे को अतिक्रमण हटाने के लिये दिशा-निर्देश जारी होते हैं। अगर कोर्ट ने भी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया तो 4,365 घरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। हालांकि स्थानियों को भरोसा है कि उन्हें शीर्ष न्यायालय से राहत जरूर मिलेगी। 

बता दे यह मामला साल 2016 में शुरू हुआ. संबंधित मामले में हाईकोर्ट ने अतिक्रमण खाली करने को कहा था, लेकिन उस समय रेलवे की जमीन पर बसे लोगों की दलील थी कि उनके तथ्यों को नहीं सुना गया। हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की 29 एकड़ जमीन है। इस जमीन पर कई साल पहले कुछ लोगों ने कच्चे घर बना लिए थे। धीरे-धीरे यहां पक्के मकान बन गए और धीरे-धीरे बस्तियां बसती चली गईं। नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था।

रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा। रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है। लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इधर, नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी मांग है कि सुप्रीम काेर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाए और हजारों लोगों को बेघर होने से बचाए। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद केस की पैरवी करेंगे।

कल यानी बुधवार को समाजवादी पार्टी का डेलीगेशन अतिक्रमण क्षेत्र में रह रहे लोगों से मिलने के लिए पहुंचा था। जिसमें 10 लोगों का प्रतिनिधिमंडल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर भेजा गया था। मुरादाबाद सांसद एसटी हसन, बहेड़ी के विधायक अताउल रहमान, सपा नेता सुल्तान बेग, वीरपाल सिंह, अरशद खान सहित कई नेता पहुंचे थे। सभी ने बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की जद में आ रहे परिवारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बताया कि प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट को तैयार कर प्रदेश मुख्यालय भेजेगा। वहीं, सपा डेलीगेशन में पहुंचे सांसद एसटी हसन ने उत्तराखंड सरकार से पीड़ितों के बारे में सोचने की गुजारिश की है। 

बात दे हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आसपास का यह इलाका करीब 2 किलोमीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र को कवर करता है। इन इलाकों को गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर के नाम से जाना जाता है। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं। इस क्षेत्र में 4 सरकारी स्कूल, 11 निजी स्कूल, एक बैंक, दो ओवरहेड पानी के टैंक, 10 मस्जिद और चार मंदिर हैं।