Central Vista Project- नई संसद तो बन गईं, जानिए अभी और क्या-क्या बनना है बाकी?
पूरे कर्तव्य पथ का इलाका, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक है, उसे सेंट्रल विस्टा कहते हैं. 3.2 किमी लंबे इस क्षेत्र में भारत देश की असली ताकत है. ये पूरा एरिया साल 2026 तक डी-डेवलप कर लिया जाएगा. कई बिल्डिंगें टूटेंगी, तो कई बनेंगी. अभी तो बस शुरुआत है.
PM नरेंद्र मोदी ने संसद भवन का शिलान्यास कर दिया है. देश का नया संसद भवन तैयार हो चुका है. इसका निर्माण सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है. अभी सिर्फ संसद भवन ही तैयार हुआ है, लेकिन अभी बहुत कुछ बनना बाकी है.
वैसे, पूरे राजपथ (अब कर्तव्य पथ) का इलाका, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक है, उसे सेंट्रल विस्टा कहते हैं. 3.2 किमी लंबे इस क्षेत्र में भारत देश की असली ताकत है. ये पूरा एरिया साल 2026 तक डी-डेवलप कर लिया जाएगा. कई बिल्डिंगें टूटेंगी, तो कई बनेंगी. अभी तो बस शुरुआत है.
सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में राष्ट्रपति भवन से लगे नॉर्थ-साउथ ब्लॉक, संसद भवन, उप राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, रक्षा भवन के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण इमारतें भी शामिल हैं. इसकमें नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, रेल भवन, वायु भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन.
इसी के साथ साथ निर्माण भवन, नेशनल आर्काइव्ज, जवाहर भवन, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, नेशनल म्यूजियम, विज्ञान भवन, रक्षा भवन, वाणिज्य भवन, हैदराबाद हाउस, जामनगर हाउस, इंडिया गेट, नेशनल वॉर मेमोरियल और बीकानेर हाउस आते हैं. इसमें से कई बिल्डिंगें हटेंगी और कई नई बनेंगी.
सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में मौजूदा नेशनल म्यूजियम, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, उप-राष्ट्रपति भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, जवाहर भवन, विज्ञान भवन, कृषि भवन, शास्त्री भवन, रक्षा भवन के साथ ही कुछ अन्य इमारतों को पूरी तरह से गिरा दिया जाएगा. तो संसद भवन के अलावा 4 अन्य नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा.
जिसमें उप राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और नया केंद्रीय सचिवालय बनेगा. इसी केंद्रीय सचिवालय में सरकारी कार्यालय शिफ्ट होंगे. वहीं, नए प्लान के मुताबिक, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को नेशनल म्यूजियम में बदल दिया जाएगा. तो पुराना संसद अब पुरातात्विक धरोहर के तौर पर संजोया जाएगा.
इस पूरे प्रोजेक्ट के दौरान राष्ट्रपति भवन, हैदराबाद हाउस, इंडिया गेट, रेल भवन, वायु भवन और वॉर मेमोरियल को छुआ तक नहीं जाएगा. वहीं, अब तक इस्तेमाल में लाया जा रहा संसद भवन अब पुरातात्विक धरोहर के तौर पर संरक्षित किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 20,000 करोड़ का खर्च आएगा, और साल 2026 तक प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा.