जनवरी से जून मचेगी शदियों की धूम, 53 दिनों की लगन में होंगी 70 लाख शादियां, 13 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान
जनवरी से जून माह तक यूपी समेत कई राज्यों में लगभग 70 लाख शादियां होने का अनुमान है. पिछले साल शादियों के सीजन में हुए जोरदार व्यापार से उत्साहित होकर इस बार भी व्यापारी बड़ा व्यापार करने की तैयारी में हैं. शादी के सीजन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये का धन प्रवाह बाज़ारों में इस वर्ष शादी की खरीदी के माध्यम से होना संभावित है.
इस साल मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के बाद से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है. जो करीब 6 महीने तक चलेगा. जनवरी से जून माह तक यूपी समेत कई राज्यों में लगभग 70 लाख शादियां होने का अनुमान है. पिछले साल शादियों के सीजन में हुए जोरदार व्यापार से उत्साहित होकर इस बार भी व्यापारी बड़ा व्यापार करने की तैयारी में हैं.
बता दे पिछले साल नवंबर-दिसंबर में शादियों के सीजन में जमकर हुई शादियों के बाद अब जनवरी से लेकर जून के महीने तक रौनक रहने वाली है. वजह है फिर से शादियों के सीजन का आ जाना. अब 15 जनवरी से शुरू होकर जून महीने तक वेडिंग सीजन रहने वाला है. इससे बाजार अभी से गुलजार हो चला है. पिछले सीजन में हुए बंपर बिजनेस के बाद देश का व्यापारी जगत भी उत्साह से भरा हुआ है. नतीजतन, दिल्ली सहित देशभर के व्यापारी भी छह महीने के इस सीजन के लिए तैयारी में हैं.
जानकारी के लिए बता दे कि सनातन ज्योतिष विज्ञानं और तारों की गणना के अनुसार, जनवरी में 9 दिन, फरवरी में 14 दिन, मार्च में 6 दिन, मई में 13 दिन तथा जून में 11 दिन शादियों के मुहूर्त के दिन हैं. कुल मिलाकर यह 53 दिन मुहूर्त के हैं. सनातन धर्म के अलावा आर्यसमाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी, जैन समाज सहित देश में अन्य कई वर्ग हैं जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते वह भी इस सीजन में तथा इसके अलावा अन्य दिनों में भी लोग शादी समारोह आयोजित करेंगे.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया कहते हैं कि इस सीज़न में लगभग 10 लाख शादियों में प्रत्येक शादी में लगभग 3 लाख रुपए खर्च होंगे. लगभग 10 लाख शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 5 लाख प्रति शादी होगा. 15 लाख शादियां, जिनमें 10 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियां जिनमें 15 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियां जिनमें 25 लाख प्रति शादी,10 लाख शादियां जिनमें 35 लाख प्रति शादी, 3 लाख शादियां जिनमें लगभग 50 लाख प्रति शादी एवं 2 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा. कुल मिलाकर इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये का धन प्रवाह बाज़ारों में इस वर्ष शादी की खरीदी के माध्यम से होना संभावित है.
वहीं, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि शादियों के सीजन के अच्छे व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं और पिछली बार के हुए रिकॉर्ड कारोबार से उपजे उत्साह को बाज़ारों में बरकरार रखने के सभी प्रबंध किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक शादी का लगभग 80 प्रतिशत खर्च शादी को संपन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है, जबकि मात्र 20 प्रतिशत पैसा ही वर-वधू के परिवारों को सीधा मिलता है. खास बात यह है कि यह 80 प्रतिशत पैसा कहीं रुकता नहीं है, बल्कि घूम फिरकर तरह तरह की ख़रीदारी से बाज़ार में ही आता है, जिससे वित्तीय तरलता बनी रहती है. इसलिए शादियों का सीजन भी देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुका है.