पाकिस्तान बॉर्डर पर रेलवे स्टेशन का बदला नाम, मियां का बाड़ा नहीं अब है महेश नगर

पाकिस्तान से लगते बाड़मेर जिले की समदड़ी तहसील का मियां का बाड़ा रेलवे स्टेशन अब महेश नगर हॉल्ट के नाम से जाना जाएगा। राजस्व नाम बदलने के बाद से लोगों ने रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए भी मुहिम चलाई, जिसका असर अब सामने आया। रेलवे ने हाल ही में स्टेशन के नए नाम को मंजूरी दी थी। जिसके बाद आज आधिकारिक रूप से नाम परिवर्तित हो गया.

पाकिस्तान बॉर्डर पर रेलवे स्टेशन का बदला नाम, मियां का बाड़ा नहीं अब है महेश नगर

उत्तर प्रदेश में नाम बदलने का दौर चलता रहता है, लेकिन अब इसका असर राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है। जोधपुर से 70 किलोमीटर दूर एक रेलवे स्टेशन का नाम है 'मियां का बाड़ा हाल्ट'। इस गांव के लोगों को यह नाम रास नहीं आ रहा था। ग्रामीणों ने इस स्टेशन का नाम महेश नगर करने की मांग कई जगह दोहराई. आज उनकी मेहनत रंग लाई और स्टेशन का नाम बदलकर महेश नगर हो गया है।  राजस्व नाम बदलने के बाद से लोगों ने रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए भी मुहिम चलाई, जिसका असर अब सामने आया। रेलवे ने हाल ही में स्टेशन के नए नाम को मंजूरी दी थी। जिसके बाद आज आधिकारिक रूप से नाम परिवर्तित हो गया. हालांकि ये स्टेशन हॉल्ट के रूप में ही है, जहां बहुत कम सुविधाएं होती हैं. इसी के साथ अब यहां सुविधाएं बढ़ाने की भी मांग होने लगी है। 2018 में राजस्व ग्राम का नाम हुआ था महेश नगर किया गया था।

पाकिस्तान से लगते बाड़मेर जिले की समदड़ी तहसील का मियां का बाड़ा रेलवे स्टेशन अब महेश नगर हॉल्ट के नाम से जाना जाएगा। शनिवार को यहां भव्य समारोह का आयोजन कर नाम परिवर्तन की घोषणा की गई। कार्यक्रम में शामिल जोधपुर सांसद केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि लंबे समय से गांव की मांग थी कि रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाए। गांव का नाम पहले ही बदला जा चुका है। मियां का बाड़ा से गांव का नाम महेश नगर हो चुका था। रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया लंबी होती है। राज्य व केंद्र के गृह मंत्रालयों की एनओसी मिलने के बाद नाम बदला जा सकता है। गांव वालों की भावना के अनुरूप अब रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया तो गांव में खुशी में शरीक होने हम भी आ गए।

जोधपुर से करीब 70 किमी दूर बाड़मेर जिले में स्थित इस रेलवे स्टेशन से जुड़े राजस्व ग्राम का नाम वसुंधरा सरकार के समय मियां का बाड़ा से बदल कर महेशनगर हुआ  था. यहां करीब 2000 लोगों की आबादी है। लेकिन रेलवे स्टेशन का नाम नहीं बदला। इसको लेकर लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में एक बड़ा शिव मंदिर है. जिसके चलते ही इस क्षेत्र को महेश नगर के नाम से पहचाना जाता रहा है. लेकिन सरकार ने गांव का नाम मियां का बाड़ा कर दिया था।