Chhath Puja 2022: नहाय खाय के साथ कल से शुरू होगा आस्था का महापर्व छठ, जानें मुहूर्त, खरना और सूर्य अर्घ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है, जिसमें प्रात:काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. लेकिन छठ पूजा एक दिन नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है. सूर्य की उपासना और आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ कल यानि की 28 अक्टूबर 2022 से शुरू होगा।
छठ पूजा का महापर्व नहाय खाय से प्रारंभ होता है और समापन प्रात:कालीन सूर्य को अर्घ्य देकर होता है. इस पूजा के लिए तैयारी दिवाली पूर्व से ही शुरू हो जाती है. छठ पूजा में निर्जला व्रत रखकर छठी मैय्या और भगवान सूर्य की पूजा करते हैं. यह सबसे कठिन व्रत माना जाता है. छठ पूजा के महत्व को आप इस बात से समझ सकते हैं कि यह बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुबई समेत देश के अनेक छोटे-बड़े शहरों में मनाया जाता है.
दिवाली के बाद छठ पूजा का महापर्व प्रारंभ होता है. वैसे तो छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है, जिसमें प्रात:काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. लेकिन छठ पूजा एक दिन नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है. सूर्य की उपासना और आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ कल यानि की 28 अक्टूबर 2022 से शुरू होगा। इस पर्व में महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं.
छठ पूजा 2022 का महत्व-
यह एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसनें सूर्य देव की पूजा और उपासना की जाती है. उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता के अनुसार सूर्य देव की उपासना का बहुत महत्व है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव को पूर्वज, मान-सम्मान, पिता का कारक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक माह में उगते सूर्य को अर्घ्य देने का बहुत महत्व है.
छठ पूजा 2022 कैलेंडर और शुभ मुहूर्त
1. छठ पूजा का पहला दिन
28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ यह व्रत शुरू होगा। इस दिन एक ही समय भोजन किया जाता है. उसके बाद व्रती गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करती हैं.
नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर, दिन शुक्रवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट पर
सूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर
शुभ समय
शोभन योग: प्रात:काल से देर रात 01 बजकर 30 मिनट
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक
2. छठ पूजा का दूसरा दिन
छठ व्रत के दूसरे दिन 29 अक्टूबर को खरना कहा जाता है. इस दिन से व्रत शुरू होता है. पूरे दिन व्रती कुछ नहीं खाते हैं. शाम के समय गुड़ की खीर, देसी घी लगी रोटी और फल खाया जाता है.
लोहंडा और खरना 2022: 29 अक्टूबर, दिन शनिवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्योस्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
शुभ समय
रवि योग: सुबह 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक
सुकर्मा योग: रात 10 बजकर 23 मिनट से अगली सुबह तक
3. छठ पूजा का तीसरा दिन
व्रत के तीसरे दिन 30 अक्टूबर को शाम के समय व्रती सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है. इस दिन बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्ड् फलों को सजाकर व्रती अपने परिवार से साथ सूर्य को संध्या अर्घ्य देती हैं.
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: 30 अक्टूबर, रविवार
सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
शुभ समय
सुकर्मा योग: प्रात: काल से शाम 07 बजकर 16 मिनट तक
धृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट से अगली सुबह तक
रवि योग: सुबह 07:26 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे से सुबह 07:26 बजे तक
4. छठ पूजा 2022 चौथा दिन
छठ पूजा के चौथे दिन 31 अक्टूबर को और अंतिम दिन व्रती नदी घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और फिर व्रत समाप्त होता हैं. इस दिन को उषा अर्घ्य भी कहा जाता है.
छठ पूजा का प्रात: अर्घ्य 2022: 31 अक्टूबर, सोमवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर
शुभ समय
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
त्रिपुष्कर योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
छठ पूजा 2022 अर्घ्य समय
संध्या अर्घ्य का समय – शाम 5.37 बजे
उषा अर्घ्य का समय – सुबह 6.31 बजे