आज अयोध्या जायेंगे मुख्यमंत्री योगी, करेंगे रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अयोध्या के दौरे पर रहेंगे। मुख्यमंत्री के आगमन व सुरक्षा के मानकों को देखते हुए पुलिस अधिकारी व सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।अम्मा जी की राधा कृष्ण मंदिर में संत रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है। राम नगरी अयोध्या में पहली बार संत रामानुजाचार्य की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।
यह प्रतिमा चार फुट ऊंची बताई जा रही है। प्रतिमा को ऋणमोचन घाट क्षेत्र में 120 वर्ष पुराने अम्मा जी की राधा कृष्ण मंदिर में स्थापित किया गया है। जिसका बुधवार यानी आज 12 अक्टूबर को अनावरण किया जाएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर बुधवार को 11 बजे राम कथा पार्क हेलीपैड पहुंचेगा। वहां से मुख्यमंत्री राधा स्वामी मंदिर गोलाघाट पहुंचकर 12 बजे रामानुजाचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे।
मुख्यमंत्री वहां से श्री राम मंत्रार्थ मंडप में रजत जयंती महोत्सव में शिरकत करेंगे। वहां से राम कथा संग्रहालय पहुंचेंगे। रामकथा संग्रहालय में मुख्यमंत्री दीपोत्सव की तैयारी को लेकर अफसरों के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री 2.05 बजे सरयू अतिथि गृह जाएंगे। वहां आधे घंटे रहने के बाद लखनऊ रवाना हो जाएंगे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर डीएम नीतीश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने कार्यक्रम स्थल व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने 28 सितंबर को रामानुजाचार्य की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। रामानुजाचार्य की 1000 वीं जयंती पर रामनगरी में पहली बार उनकी प्रतिमा की स्थापना हो रही है। यह प्रतिमा लगभग चार फीट लंबी होगी, जो राम जन्मभूमि से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित दक्षिण भारत की शैली पर बने राधा कृष्ण मंदिर अम्मा जी में स्थापित होगी। इसके पहले दक्षिण शैली में पूजा की जाएगी। तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन बुधवार से शुरू होगा।
सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने वाले जगद्गुरु रामानुजाचार्य का भगवान राम के प्रति प्रगाढ़ स्नेह रहा है। मुगलों के शासनकाल में रामानुजाचार्य ने ही सनातन धर्म की रक्षा की थी। संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अयोध्या के प्रमुख चौराहे को रामानुजाचार्य के नाम पर रखने की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि आने वाले वर्षों में वरिष्ठ साधु-संतों के नाम से अयोध्या में चौराहे बनाए जाएंगे।