बिल्ली समझ तेंदुए के शावक संग खेलते रहे बच्चे, रस्सी से बांधकर घुमाया; ऐसे हुई पहचान

13 वर्षीय भतीजा दोस्तों के साथ बाग में खेल रहा था. उसी समय उसने बाग के दूसरे छोर पर बंदरों को शावक की पिटाई करते हुए देखा. बच्चों ने जंगली बिल्ली समझकर बंदरों को भगा दिया। कुछ ही देर में कुत्ते उस पर हमलावर हुए तो बच्चों ने उसे बचाकर रस्सी से बांधकर उसके साथ खेलना शुरू कर दिया.

बिल्ली समझ तेंदुए के शावक संग खेलते रहे बच्चे, रस्सी से बांधकर घुमाया; ऐसे हुई पहचान

मेरठ के किठौर इलाके से एक अनोखा मामला सामने आया है. जंगल से भटककर यहां एक आम के बाग में आए तेंदुए के शावक को बच्चों ने बिल्ली का बच्चा समझ लिया और उसे पकड़कर खेलने लगे. उसे जमीन पर खूब इधर-उधर दौड़ाया. यही नहीं, उसके गले में रस्सी बांधकर बगीचे में घुमाया. 

इसी बीच, जब बगीचे की रखवाली करने वाला शख्स वहां पहुंचा तो नजारा देख हैरान रह गया. इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी गई. इसके बाद ग्रामीणों ने तेंदुए के बच्चे को वन विभाग की टीम को सौंप दिया. वन विभाग ने शावक को मादा तेंदुए से मिलाने के लिए सर्च अभियान चलाया और देर रात मादा तेंदुआ शावक को अपने साथ जंगल ले गई.

मेरठ के कस्बा शाहजहांपुर में रहने वाले माजिद खां ने हापुड़ के गांव डिबाई में बाग खरीदा है. इसकी रखवाली उनके पड़ोसी नजीब अख्तर करते हैं। बृहस्पतिवार की शाम माजिद का 13 वर्षीय भतीजा दोस्तों के साथ बाग में खेल रहा था.

उसी समय उसने बाग के दूसरे छोर पर बंदरों को शावक की पिटाई करते हुए देखा. बच्चों ने जंगली बिल्ली समझकर बंदरों को भगा दिया। कुछ ही देर में कुत्ते उस पर हमलावर हुए तो बच्चों ने उसे बचाकर रस्सी से बांधकर उसके साथ खेलना शुरू कर दिया.

इसी बीच पहुंचे नजीब ने शावक की आवाज सुनी तो उन्होंने पास जाकर देखा और ग्रामीणों व किठौर पुलिस चौकी पर तैनात वनकर्मियों को सूचना दी. शावक के साथ बच्चों के खेलने का वीडियो अब इंटरनेट मीडिया पर भी खूब प्रसारित हो रहा है. 

डीएफओ राजेश कुमार ने बताया, गुरुवार को मेरठ के किठौर शाहजहांपुर हापुड़ बाईपास के पास आम के बाग में ग्रामीणों को एक शावक मिला था. जिसको मादा तेंदुए से मिलाने की प्लानिंग बनाई. शाम होने के बाद शावक को उसी स्थान पर रख दिया गया, जहां से उठाया था. शुक्रवार की सुबह लगभग 3:00 से 3:30 के बीचको मादा तेंदुआ उसे अपने साथ ले गई.

वन विभाग के अफसर के अनुसार, यह सफलतापूर्वक और बहुत प्लानिंग के तहत कार्य किया गया. यह बहुत सुखद है कि शावक को उसकी मां ने अपना लिया. यह जंगल से जुड़ा हुआ एरिया है. सामान्य प्रक्रिया है. प्रोटोकॉल के तहत कार्य कर रहे हैं. इसमें दो टीमें लगाई गई हैं. एक टीम उसके मूवमेंट को ट्रैक कर रही है और दूसरी टीम जंगली जानवरों के प्रति गांव के लोगों को समझाने में लगी है.

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सिंभावली क्षेत्र के जंगल में तेंदुए का पूरा परिवार रहता है. एक माह पूर्व उसे देखा भी गया था. माना जा रहा है कि उसी परिवार का यह सदस्य था.