दिल्ली-मुंबई में एक साथ बरसेंगे बादल, मानसून में दिखा अजब बदलाव, भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी
इस साल देखा गया है कि मानसून पहले पूर्वी राज्यों में पहुंच गया है और उसके बाद दक्षिण के राज्यों में पहुंचा है। हालांकि अब मानसून तेजी से बढ़ रहा है और अगले 48 घंटे तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ ही जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड पहुंच जाएगा।
देश के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल मानसून में असामान्य बदलाव देखने को मिला है। जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली और मुंबई में मानसून एक साथ पहुंचा है। आमतौर पर मुंबई में मानसून जल्दी पहुंच जाता है लेकिन इस साल अरब सागर में मानसून के कमजोर पड़ने के चलते दिल्ली और मुंबई में मानसून लगभग एक साथ पहुंचा है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत दक्षिण से होती है और मानसून पहले केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक से होता हुआ महाराष्ट्र पहुंचता है। इस तरह मानसून की शुरुआत में पहले दक्षिण के राज्यों में बारिश होती है और फिर मानसून देश के अन्य हिस्सों में पहुंचता है।
हालांकि इस साल देखा गया है कि मानसून पहले पूर्वी राज्यों में पहुंच गया है और उसके बाद दक्षिण के राज्यों में पहुंचा है। हालांकि अब मानसून तेजी से बढ़ रहा है और अगले 48 घंटे तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ ही जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड पहुंच जाएगा।
मौसम विज्ञानियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से इस साल मानसून असामान्य रहा। बता दें कि बिपरजॉय तूफान 15 जून को गुजरात के तट से टकराया था।
बिपरजॉय की वजह से पश्चिमी तट पर मानसून के आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई। मौसम विज्ञानी कहते हैं कि भारत में मानसून दो दिशाओं से देश को कवर करता है। एक अरब सागर से देश के पश्चिमी हिस्सों को और दूसरा बंगाल की खाड़ी से देश के पूर्वी हिस्सों को।
इस साल बिपरजॉय की वजह से अरब सागर से पश्चिमी राज्यों में पहुंचने वाला मानसून देरी से पहुंचा। वहीं बंगाल की खाड़ी से बनने वाला मानसून समय से पूर्वी राज्यों में पहुंच गया। यही वजह रही कि इस साल मानसून असामान्य रहा और पूर्वी राज्यों में पहले बारिश हुई।