AAP पर कांग्रेस का तीखा प्रहार: 'मोहब्बत की दुकान खुदकुशी करके नहीं चलाई जा सकती'
आम आदमी पार्टी ने इस बैठक में शामिल होने से पहले कांग्रेस के आगे केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने की शर्त रख दी. जिसके बाद विपक्षी दलों के बीच एकता पर ही सवाल खड़े होने लगे.
अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से गहमा-गहमी शुरू हो गई है. कुछ दिन पहले ही विपक्षी दलों ने पटना में एक बैठक की थी, जिसका मकसद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने को लेकर रणनीति बनाने पर था.
लेकिन विपक्षी दलों की उस बैठक के दौरान आपसी सामंजस की कमी दिखी. मसलन, आम आदमी पार्टी ने इस बैठक में शामिल होने से पहले कांग्रेस के आगे केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने की शर्त रख दी. जिसके बाद विपक्षी दलों के बीच एकता पर ही सवाल खड़े होने लगे.
अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से क्या दिक्कत है इससे पहले आपको उनसे पूछना चाहिए कि क्या वो समझौता चाहते भी हैं या नहीं चाहते हैं. एक तरफ वो केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में जाकर खुद केजरीवाल अशोक गहलोत जी और सचिन पायलट जी का मजाक उड़ा रहे हैं.
उसके बाद जिस दिन विपक्षी दलों की बैठक थी उसी दिन उनके मुख्य प्रवक्ता कांग्रेस के लीडर और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उल्टा बोलते हैं. वो पहले ये तो तय करें कि वो क्या चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि केजरीवाल जी किसी तरह से भी समझौता चाहते हैं, मुझे लगता है कि वो जेल जाने से बचना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि वो तो बीजेपी के अपने आकांओं को खुश करने में लगे हैं. वो तो विपक्षी दलों की बैठक में इसलिए शामिल होते हैं ताकि विपक्षी एकता को खंडित किया जा सके. उनका विपक्षी एकता से कोई मतलब नहीं है. वो पहले भी बीजेपी के ही साथ खड़े रहे थे.
ममता बनर्जी से कांग्रेस की बातचीत पर अजय माकन ने कहा कि टीएमसी से बात हो रही है और होनी भी चाहिए. ऐसा इसलिए भी क्योंकि क्या ममता बनर्जी ने कभी कांग्रेस या कांग्रेस के लीडर के खिलाफ कुछ बोला है. कभी नहीं बोला. इसलिए तो बात हो रही है. इसलिए तो लगता है कि समझौता हो.
लेकिन केजरीवाल , उनके मुख्य प्रवक्ता कांग्रेस के खिलाफ बोलते हैं. राहुल गांधी और सोनिया जी के बारे बोलते हैं और फिर कहते हैं कि समझौता कर लो. ममता जी ने तो कभी राहुल जी और सोनिया जी के बारे में कभी कुछ नहीं बोला. ये बुनियादी फर्क है टीएमसी और आम आदमी पार्टी में. इसे समझ लेना चाहिए.