छठे ज्योतिर्लिंग पर विवाद बढ़ा, शिवसेना-NCP बोलीं- पहले महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट चुराए, अब भगवान छीन रही BJP
समाचार पत्रों में दिया गया असम सरकार का एक विज्ञापन महाराष्ट्र में राजनीतिक मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। मंगलवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित पूर्ण पृष्ठ के इस विज्ञापन ने महाराष्ट्र में राजनीतिक उबाल ला दिया है। इस विज्ञापन में असम के मुख्यमंत्री डॉ.हिमंत विश्व शर्मा भक्तों का स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं। विपक्षी दल इसी बहाने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश में लग गए हैं।
महाशिवरात्रि से पहले असम सरकार ने एक विज्ञापन निकाला है जिसमें यह दावा किया गया है कि भारत का छठा ज्योतिर्लिंग असम के कामरूप जिले के डाकिनी पहाड़ी पर स्थित है। असम सरकार के इस दावे की महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियां जमकर आलोचना कर रही हैं। दरअसल माना जाता है कि छठा ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे के पास भीमाशंकर में स्थित है।
बता दे देश भर के प्रमुख समाचार पत्रों में दिया गया असम सरकार का एक विज्ञापन महाराष्ट्र में राजनीतिक मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। मंगलवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित पूर्ण पृष्ठ के इस विज्ञापन ने महाराष्ट्र में राजनीतिक उबाल ला दिया है। इस विज्ञापन में असम के मुख्यमंत्री डॉ.हिमंत विश्व शर्मा भक्तों का स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं। विपक्षी दल इसी बहाने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश में लग गए हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा है कि बीजेपी महाराष्ट्र से भागवान शिव को छीनना चाहती है। वहीं अब इस विवाद में अब एनसीपी भी कूद गई है। शरद पवार को पोते और एनसीपी विधायक रोहित पवार का ने कहा-हजारों वर्षों से छठा ज्योतिर्लिंग हमारे यहां है ये सभी जानते हैं। असम में चुनाव है इसलिए वो हमारे ज्योतिर्लिंग पर दावा कर रहे हैं। हम इसका विरोध करते हैं। असम के सीएम ऐसा दावा कर क्या साबित करना चाहते हैं? किसी और मुद्दे पर सियासत करो। बगावत के बाद एकनाथ शिंदे का बहुत अच्छा ख्याल असम के सीएम ने रखा था।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि हमारे मुख्यमंत्री का असम और कामाख्या देवी से विशेष लगाव है। देखते हैं, वह इस पर क्या कहते हैं ! राउत का इशारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा पिछले वर्ष जून में शिवसेना से बगावत के बाद अपने समर्थक करीब 50 विधायकों के साथ असम की राजधानी गुवाहाटी के एक पांचसितारा होटल में ठहरने एवं उसी दौरान मां कामाख्या देवी के दर्शन की ओर है।
दोनों दलों ने कहा- अब तक भाजपा इंडस्ट्री और रोजगार छीन रही थी। अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को चुराने की तैयारी कर रही है। पार्टियों का इशारा 22 हजार करोड़ के टाटा-एयरबस C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट और 1.63 लाख करोड़ के वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को लेकर था जिसे पिछले साल महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट किया गया था।
राकंपा की सांसद सुप्रिया सुले ने भी यह कहकर सरकार को घेरने की कोशिश की है कि अब भाजपा उद्योगों के साथ-साथ महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासतों को भी यहां से खींचकर ले जाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने भी इसी लाइन पर सरकार को घेरते हुए कहा कि उद्योग छोड़िए, अब तक भाजपा भगवान शिव को भी महाराष्ट्र से खींचकर ले जाना चाहती है। शिंदे और फडणवीस को इस पर जवाब देना चाहिए।