काशी से लॉन्च होगी देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी, जानिए क्या क्या है खूबियां

गंगा में प्रदूषण मुक्त जल परिवहन के लिए स्वतंत्रता दिवस पर देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी काशी के नमो घाट पर लॉन्च होगी। नमो घाट और अस्सी घाट से श्रद्धालुओं को श्री काशी विश्वनाथ धाम तक की यात्रा सुगम करने के लिए दोनों छोर से एक-एक हाइड्रोजन वाटर टैक्सी का संचालन किया जाएगा। 

काशी से लॉन्च होगी देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी, जानिए क्या क्या है खूबियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा की लहरों पर वाटर टैक्सी दौड़ता नजर आएगा। इस सेवा के शुरू होने के बाद गंगा के रास्ते बाबा विश्वनाथ के दरबार जाने का रास्ता आसान होगा। 

शुरुआती दौर में गंगा के लहरों ओर दो वाटर टैक्सी चलाई जाएगी। इसके बाद इसकी संख्या भी बढ़ेगी। फिलहाल प्रशासन ने इसका सफल ट्रायल भी कर लिया है। इस वाटर टैक्सी में एक साथ 86 लोग सफर कर पाएंगे।

गंगा में प्रदूषण मुक्त जल परिवहन के लिए स्वतंत्रता दिवस पर देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी काशी के नमो घाट पर लॉन्च होगी। नमो घाट और अस्सी घाट से श्रद्धालुओं को श्री काशी विश्वनाथ धाम तक की यात्रा सुगम करने के लिए दोनों छोर से एक-एक हाइड्रोजन वाटर टैक्सी का संचालन किया जाएगा। 

हाइड्रोजन संचालित वाटर टैक्सी दूसरे जलयान की तुलना में आधे से भी कम समय में यह दूरी तय करेगी। इसमें विकल्प के रूप में इलेक्ट्रिक इंजन लगाया गया है। ईंधन की उपलब्धता के लिए चार घाटों पर स्टेशन भी तैयार किया जा रहा है। 

हाइड्रोजन संचालित वाटर टैक्सी को जलमार्ग प्राधिकरण ने गुजरात के भावनगर में तैयार कराया है। जुलाई में टैक्सी काशी पहुंच जाएगी और 15 अगस्त से उसका संचालन काशी विश्वनाथ धाम के लिए शुरू होगा। इसके लिए ईंधन के खर्च के आधार पर किराया और फेरे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 

सबसे अहम बात यह है कि हाइड्रोजन वाटर टैक्सी को विकल्प के लिए इलेक्टि्रक मोटर से भी लैस किया जा रहा है। ताकि ईंधन समाप्त होने की स्थिति में यह दूसरे इंजन से संचालित हो सके। इसलिए फ्यूअल स्टेशन पर चार्जिंग प्वाइंट भी बनाए जाएंगे। यहां बता दें कि पिछले महीने ही गुजरात के भावनगर से 10 वाटर टैक्सी वाराणसी पहुंची है। इसमें वाटर एंबुलेंस, शव वाहिनी के अलावा यात्रियों के लिए जलयान शामिल हैं।

हाइड्रोजन वाटर टैक्सी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काशी में लांच करने की तैयारी है। यदि इसका सफल संचालन हो गया तो यहां के सभी जलयान को हाइड्रोजन और इलेक्टि्रक इंजन से संचालित किया जाएगा। इसके बाद देश के दूसरे शहरों में जलमार्ग पर चलने वाले जलयानों पर यह विधि अमल में लाई जाएगी।

गंगा में उतरने वाली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी के सुगम यातायात के लिए चार घाटों पर हाइड्रोजन स्टेशन और चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए सर्वे शुरू कराया गया है। इसमें नमो घाट, शिवाला घाट, रविदास घाट और ललिता घाट पर यह स्टेशन बनाया जाएगा।