तख्तापलट का काउंटडाउन- अभी नहीं देंगे इस्तीफा, बाजवा से मुलाकात के बाद पलटे इमरान खान

इन दिनों पाकिस्तान की सरकार अल्पमत में है और वहां 3 अप्रैल को फ्लोर टेस्ट होना है. इस बीच पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा और ISI चीफ ने इमरान खान के घर पहुंच कर उने मीटिंग की. बाजवा और इमरान की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे थे.

तख्तापलट का काउंटडाउन- अभी नहीं देंगे इस्तीफा, बाजवा से मुलाकात के बाद पलटे इमरान खान

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए कह दिया है. पिछले कई दिनों से इमरान खान सरकार का संकट पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. उनकी सरकार के खतरे में आने के बाद ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया की नजरें पाकिस्तान की ओर हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इन दिनों पाकिस्तान की सरकार अल्पमत में है और वहां 3 अप्रैल को फ्लोर टेस्ट होना है. इस बीच पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा और ISI चीफ ने इमरान खान के घर पहुंच कर उने मीटिंग की. बाजवा और इमरान की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे थे. खबर थी कि वो शाम को जनता को संबोधित करेंगे. लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर रहे हैं. उन्होंने देश के नाम अपने संबोधन को टाल दिया है.

इससे पहले इमरान खान की पार्टी ने सरकार बचाने के लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ को मध्‍यस्‍थता के लिए सऊदी अरब से बुलाया था जो संभवत: फेल हो गया है। जनरल राहिल शरीफ ने इमरान खान की ओर से जनरल बाजवा से मुलाकात की लेकिन वह उन्‍हें मना नहीं पाए। जनरल बाजवा और अन्‍य वरिष्‍ठ जनरलों ने कहा कि सेना के लाडले रह चुके इमरान खान को दोबारा मौका नहीं दिया जाए। नई दिल्‍ली के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तानी सेना का आकलन है कि इमरान खान का इस्‍तीफा दे देना ही ठीक रहेगा क्‍योंकि आर्थिक संकट के बीच वर्तमान राजनीतिक संकट देश के हित में नहीं है। 

इमरान के संबोधन से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि वे आज इमरजेंसी जैसा कोई चकित करने वाला कदम उठा सकते हैं. संबोधन से कुछ देर पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा अचानक इमरान खान के घर उनसे मिलने पहुंच गए. उनके साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के डीजी भी थे. आर्मी चीफ से मुलाकात के पहले इमरान ने एक और अहम फैसला लिया. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का निर्णय किया है. आपको बता दें कि पाकिस्तान असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं. ऐसे में बहुमत के लिए उन्हें 172 सदस्यों की जरूरत है. लेकिन MQM के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा. जबकि इमरान खान के पास कुल 164 सदस्य ही रह गए हैं.