हिन्दुओ की भावनाये आहत करने के लिए सलमान खुर्शीद पर FIR का आदेश कोर्ट ने दिया
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने शुभांशी तिवारी द्वारा दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए पारित किया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आवेदन पत्र में वर्णित तथ्यों और आवेदक की दलीलें सुनने के बाद अदालत का मत है कि सलमान खुर्शीद के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनता है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की विवादित पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या' में कथित रूप से सनातन धर्म की तुलना बोको हराम और आईएसआईएस इस्लामी आतंकी संगठन से करने को लेकर दायर अर्जी पर अदालत ने बख्शी का तालाब थाने के प्रभारी को खुर्शीद के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
अदालत ने पुलिस को आरोपी खुर्शीद के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करने तथा प्राथमिकी की प्रति तीन दिन के भीतर उसे सौंपने को कहा है।
उक्त आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने शुभांशी तिवारी द्वारा दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए पारित किया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आवेदन पत्र में वर्णित तथ्यों और आवेदक की दलीलें सुनने के बाद अदालत का मत है कि सलमान खुर्शीद के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनता है।
वादी शुभांशी तिवारी का यह भी आरोप है कि लेखक ने अपनी किताब के प्रमोशन के दौरान फिर से हिंदू धर्म पर घृणित टिप्पणी की हैं और हिंदुत्व की तुलना जानवर और हैवान से की है. शुभांशी का कहना है कि लेखक किसी खास राजनीतिक दल की विचारधारा से संबंध रखता है, इसलिए उसने उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों को देखते हुए अपने राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के इरादे से यह किताब लिखी है. उनका कहना है कि किताब में उन्होंने हिंदुत्व की तुलना उन संगठनों से की, जिन्होंने 2014 से 2018 के बीच 29 देशों में 2,000 से ज्यादा लोगों की हत्या की है. लेखक का मकसद किताब लिखना नहीं बल्कि एक वर्ग विशेष के वोटों का ध्रुवीकरण करना था.