बड़ी खबर- श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में अदालत ने 2 जनवरी से शाही ईदगाह के सर्वे का दिया आदेश
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह में स्वास्तिक का चिह्न, मंदिर होने के प्रतीक के साथ मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भ गृह है। पक्षकार मनीष यादव और वकील महेंद्र प्रताप ने कहा कि शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं। ये वैज्ञानिक सर्वे के बाद सामने आ जाएंगे। अर्जी मथुरा के जिला अदालत में एक साल पहले दाखिल की गई थी। मथुरा की एक जिला अदालत ने शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 2 जनवरी से भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनने वाली शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
मथुरा की एक जिला अदालत ने शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 2 जनवरी से भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनने वाली शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। अदालत ने हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता द्वारा दायर एक मुकदमे पर आदेश पारित किया। रिपोर्ट 20 जनवरी को सौंपी जाएगी।
विष्णु गुप्ता एवं उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में दावा किया गया था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया।
साथ ही उन्होंने साल 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है। दुबे ने बताया कि अदालत ने वादी की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए अमीन द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह में स्वास्तिक का चिह्न, मंदिर होने के प्रतीक के साथ मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भ गृह है। पक्षकार मनीष यादव और वकील महेंद्र प्रताप ने कहा कि शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं। ये वैज्ञानिक सर्वे के बाद सामने आ जाएंगे। अर्जी मथुरा के जिला अदालत में एक साल पहले दाखिल की गई थी।
अयोध्या मंदिर-मस्जिद मामले को लेकर लंबे समय से अपवाद बना हुआ है, जिसमें 16वीं शताब्दी की बाबरी मस्जिद शामिल थी, इसे 1992 में हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़ दिया गया था, जिनका मानना था कि यह एक प्राचीन मंदिर के खंडहरों पर बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में भव्य राम मंदिर के लिए मस्जिद की जगह हिंदुओं को सौंप दी और मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं ने अपने मुकदमे में तर्क दिया कि भगवान कृष्ण के भक्त के रूप में उन्हें अदालत जाने का अधिकार है। उनका कहना है कि उन्हें कृष्ण के वास्तविक जन्मस्थान पर पूजा करने का अधिकार है।
अखिल भारत हिंदू महासभा ने इस महीने की शुरूआत में बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी को चिहिन्त करने के लिए शाही मस्जिद ईदगाह के अंदर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था। संगठन के नेताओं में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया और सात या आठ को हिरासत में लिया गया।
19 फरवरी, 2021 को अवैध रूप से बनाए गए अतिक्रमण और ढांचे को हटाने के लिए सिविल जज (सीनियर डिविजन), मथुरा की अदालत के समक्ष वक्फ के सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की सहमति से ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह के प्रबंधन की समिति द्वारा भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अन्य नामक एक दीवानी मुकदमा दायर किया गया था।