Cyclone Biparjoy: खतरनाक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय', भारत-पाकिस्तान समेत इन देशों में होगा असर!

मौसम विभाग के अनुसार, खतरनाक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' पूर्व मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर में पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे रफ्तार के साथ लगभग उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, अब यह एक बहुत ही खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल गया है।

Cyclone Biparjoy: खतरनाक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय', भारत-पाकिस्तान समेत इन देशों में होगा असर!

अरब सागर में साल 2023 का पहला प्री मॉनसून तूफान हर दिन तेज होता जा रहा है। समुद्र में बना डीप-डिप्रेशन चक्रवात में बदल चुका है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज, 08 जून को सुबह साढ़े पांच बजे चक्रवात बिपरजॉय पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर लगभग 13.9N और 66.0E पर केंद्रित रहा और गोवा से लगभग 860 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम व मुंबई से 910 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। मौसम विभाग के मुताबिक, ये उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए तेज होगा।

मौसम विभाग के अनुसार, खतरनाक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' पूर्व मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर में पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे रफ्तार के साथ लगभग उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, अब यह एक बहुत ही खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल गया है।

यह आज सात जून, 2023 को भारतीय समयानुसार 11: 30 बजे गोवा से लगभग 860 किमी पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम में, मुंबई से 970 किमी दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1050 किमी दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम में और कराची से 1350 किमी दक्षिण में में बना हुआ है।

इसके अगले 24 घंटों के दौरान लगभग उत्तर की ओर और फिर बाद के तीन दिनों के दौरान उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका जताई गई है।

इसके साथ ही आईएमडी ने जानकारी दी कि चक्रवात कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों से बहुत दूर जा रहा है, लेकिन तटीय इलाकों में कुछ तेज़ हवाएं चलेंगी और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होगी और इस चक्रवात का लैंडफॉल पाकिस्तान में होने की संभावना है।

हालांकि, आईएमडी ने अभी तक भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर भी इसके असर की संभावना जताई है, हालंकि इसके किसी बड़े प्रभाव की भविष्यवाणी नहीं की है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सिस्टम का अस्थायी ट्रैक उत्तर दिशा में होगा लेकिन कई बार तूफान पूर्वानुमानित ट्रैक और तीव्रता को गलत साबित कर देते हैं।

उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने सात से नौ जून के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की आशंका जताई है। वहीं सात से 11 जून के दौरान केरल, सात जून को तमिलनाडु, नौ से 11 जून के दौरान लक्षद्वीप तथा 10 और 11 जून को कर्नाटक में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं।

वहीं तूफानी मौसम के चलते, केरल, लक्षद्वीप, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में तूफानी हवाओं के साथ हल्की से भारी बारिश होने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने बताया है कि, अगले पांच दिनों के दौरान उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में तूफानी मौसम संबंधी इसी तरह की गतिविधि के बने रहने के आसार हैं।

वहीं आज पूर्वी मध्य अरब सागर और पश्चिम मध्य और दक्षिण पूर्व अरब सागर के आस-पास के इलाकों में 115 से 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक तूफानी हवा

चलने की आशंका है। इसके उसी क्षेत्र में आज रात को 125 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 150 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

आज दक्षिण अरब सागर के आस-पास के क्षेत्रों और उत्तरी केरल-कर्नाटक-गोवा के तटों पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका है।

आठ जून को पूर्वी मध्य अरब सागर और पश्चिम मध्य और दक्षिण अरब के आस-पास के इलाकों में 130 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं एक 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं ।

वहीं आठ जून को कर्नाटक-गोवा-महाराष्ट्र के तटों पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने की आशंका है।

उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए, मौसम विभाग ने आज यानी सात जून तक दक्षिण अरब सागर के आस-पास के इलाके में किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की सलाह दी है।

वहीं मौसम विभाग ने 12 जून तक पूर्व मध्य और उससे सटे पश्चिम मध्य और दक्षिण अरब सागर में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

12 से 14 जून के दौरान पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर पश्चिमी अरब सागर में भी न जाने की सलाह दी गई है। 12 और 13 जून के दौरान उत्तरी अरब सागर के आस-पास के क्षेत्र में मछुआरे मछली पकड़ने या किसी भी काम के लिए जाने से परहेज करें। मौसम विभाग ने उन सभी लोगों को तट पर लौटने की सलाह दी है जो समुद्र में हैं।