खतरनाक साज़िश, PFI के मिशन 2047 का हुआ भंडाफोड़, मार्शल आर्ट्स सिखाने के नाम पर दे रहे थे बंदूक चलाने की ट्रेनिंग, दो गिरफ्तार
बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर PFI के गिरोह का पर्दाफाश किया। एक आरोपी झारखंड पुलिस के दरोगा पद से रिटायर है जिसका नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है और दूसरे आरोपी का नाम अतहर परवेज है। कुछ दस्तावेज ऐसे भी मिले हैं जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का जिक्र है।
बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर PFI के गिरोह का पर्दाफाश किया। मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया। पुलिस ने बताया कि इस जगह पर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार ने बताया कि नयाटोला में चलाए जा रहे एक कार्यालय में छापेमारी कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी झारखंड पुलिस के दरोगा पद से रिटायर है जिसका नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है और दूसरे आरोपी का नाम अतहर परवेज है। दोनों आरोपी PFI से जुड़े हुए हैं।
ASP ने बताया कि जलालुद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि जलालुद्दीन के मकान पर मार्सल आर्ट्स सिखाने के नाम पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी और धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उन्हें उकसाया जाता था। मनीष कुमार ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी के बाद कई दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद हुए है, जो मिशन से जुड़ा है। कुछ दस्तावेज ऐसे भी मिले हैं जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का जिक्र है।
बताया जा रहा कि यहां पर कई दूसरे राज्यों से भी लोगों का आना-जाना लगा रहता था। ये लोग अपनी पहचान छुपाकर पटना के होटलों में ठहरते थे। इस समूह को चलाने के लिए अन्य देशों से फंडिंग के भी कागजात मिले हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपी सिमी के गिरफ्तार लोगों को जमानत दिलवाने में भी मदद करते थे। सिमी और PFI की बैठकों में शामिल होता था।
गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर परवेज पटना में बम ब्लास्ट की आतंकी घटना में शामिल था और फिलहाल जेल में है। एएसपी ने बताया कि अभी पुलिस और गहन जांच कर रही है तथा इनके और जुड़े तारों को खंगाला जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं। फिलहाल इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में बताया जा रहा है। शाहीन बाग वो इलाका है जहां पर सीएए और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में 100 दिन तक सबसे लंबा आंदोलन चला था।
एक मुस्लिम संगठन होने के कारण इस संगठन की ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों के इर्द गिर्द ही घूमती हैं। कई ऐसे मौके ऐसे भी आए हैं जब इस संगठन से जुड़े लोग मुस्लिम आरक्षण के लिए सड़कों पर आए हैं। संगठन 2006 में उस समय सुर्ख़ियों में आया था जब दिल्ली के रामलीला मैदान में इनकी तरफ से नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। तब लोगों की एक बड़ी संख्या ने इस कांफ्रेंस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।