बृजभूषण शरण सिंह के घर गोंडा पहुंची दिल्ली पुलिस, लोगों के दर्ज किए बयान
दिल्ली पुलिस की टीम सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा स्थित आवास पहुंची. यहां पुलिस ने उनके परिवार, करीबियों और नौकरों समेत कई लोगों से पूछताछ की। सभी के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस टीम गोंडा से दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने जो यौन शोषण का केस दर्ज कराया है, उसमें दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है।
महिला पहलवानों के आरोपों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस और एसआईटी रविवार की रात विश्नोहरपुर पहुंची। गोंडा जिले में नवाबगंज थाना अंतर्गत विश्नोहरपुर में यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद का पैतृक निवास है। पुलिस ने वहां 12 लोगों के बयान दर्ज किए।
बता दे कि दिल्ली पुलिस की टीम सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा स्थित आवास पहुंची. यहां पुलिस ने उनके परिवार, करीबियों और नौकरों समेत कई लोगों से पूछताछ की। सभी के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस टीम गोंडा से दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की एक टीम सबसे पहले बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के लखनऊ स्थित आवास पर पहुंची। यहां काम करने वाले तीन लोगों के बयान दर्ज किए। यहां पूछताछ के बाद टीम 130 किलोमीटर की दूरी तय कर देर रात 10 बजे गोंडा के विश्नोहरपुर स्थित बीजेपी सांसद के घर पहुंची।
यहां टीम ने बृजभूषण शरण सिंह के घर पर काम करने वाले नौकर, ड्राइवर, माली और उनके सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। टीम ने सभी का नाम पता नोट किया और साक्ष्य के तौर पर पहचान पत्र जुटाए। इसके बाद देर रात 11:30 बजे ही गोंडा से दिल्ली के लिए टीम रवाना हो गई।
बृजभूषण शरण सिंह के घर पुलिस के पहुंचने की खबरों के बीच सांसद के बेटे करन भूषण सिंह ने कहा है कि उनके पिता कल दिल्ली चले गए। दिल्ली या नोएडा से कोई जांच टीम नहीं आई थी। समाचार चैनलों पर चल रही खबर भ्रामक है।
भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया उत्तर रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट आए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को सामान्य बताते हुए कहा कि पहलवान अपनी मांग पर कामय हैं। उन्होंने आंदोलन से पीछे हटने और नाबालिग द्वारा प्राथमिकी वापस लेने की खबरों को गलत बताया।
मलिक ने ट्वीट कर कहा कि "ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में न हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है।"
पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। वह एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर संसद का घेराव करने जा रहे पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में लेकर धरना समाप्त कराया था। मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि गृह मंत्री से पहलवानों की मुलाकात में कोई हल नहीं निकला है।